
जय हिंद जय भारत🙏
सुमन सौरभ चंद्रवंशी
सबसे पहले आरक्षण,शिक्षा, स्वास्थ्य,रोजगार और अधिकार, फिर करेंगे धर्म की बात।
शिक्षा में सामाजिक न्याय का संकल्प
विशेष आरक्षण नीति:
हमें ना राजा न रंक से बैर,
शांति में ही है हम सब का खैर,
विशेष आरक्षण नीति का औचित्य एवं संकल्प

स्वतंत्रता प्राप्ति के 79 वर्ष पश्चात भी शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित समानता स्थापित नहीं हो सकी है। वर्तमान परिस्थितियों में किसान, मजदूर तथा निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे गुणवत्तापूर्ण अवसरों से वंचित रह जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि आर्थिक रूप से सक्षम परिवार अपने बच्चों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाते हैं तथा उच्च व्यय के आधार पर अवसर एवं संसाधन खरीद लेने में सक्षम होते हैं। इसके परिणामस्वरूप समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को उचित प्रतिनिधित्व और अवसर प्राप्त नहीं हो पाता।चिकित्सा शिक्षा सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में आज लगभग सभी सीटों पर निजी विद्यालयों में शिक्षित विद्यार्थी प्रभुत्व बनाए हुए हैं। यहाँ तक कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसी सर्वोच्च परीक्षा में भी लगभग सम्पूर्ण स्थान निजी संस्थानों से पढ़े विद्यार्थियों द्वारा ग्रहण कर लिया गया है। यह स्थिति सामाजिक और शैक्षणिक न्याय के विरुद्ध है।अतः आवश्यक है कि विशेष आरक्षण नीति राज्य एवं केंद्र, दोनों स्तरों पर लागू की जाए। इस नीति के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को 80% से 90% तक का आरक्षण सभी विभागों एवं सेवाओं में सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम न केवल शिक्षा एवं रोजगार में संतुलन स्थापित करेगा, बल्कि किसान, मजदूर एवं निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को न्यायोचित अवसर प्रदान करेगा।हम यह संकल्प लेते हैं कि जब हमारी सरकार राज्य में बनेगी तो राज्य स्तर पर इस नीति को लागू किया जाएगा, और जब केंद्र में हमारी सरकार बनेगी तो हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य रूप से लागू करेंगे।
ओबीसी का आरक्षण घोटाला
ओबीसी, एस सी, एस टी, वर्ग के साथ हो रहा अन्याय और नेताओं की चुप्पी
यह स्थिति केवल बिहार या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि लगभग पूरे देश के सभी राज्यों में यही परिदृश्य दिखाई देता है। पिछड़ा वर्ग (OBC) देश की सबसे बड़ी आबादी वाला वर्ग होते हुए भी, आज तक अपने अधिकारों से वंचित है।दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि ओबीसी वर्ग के वोटों से चुनकर आने वाले अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने संसद भवन में इस वर्ग के पक्ष में कभी सशक्त आवाज़ नहीं उठाई। यहां तक कि जब ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू कर सामान्य वर्ग को अतिरिक्त लाभ दिया गया, तब भी किसी दल या नेता ने इसका विरोध नहीं किया। संसद में एक भी बार यह प्रश्न नहीं पूछा गया कि आखिर OBC और EBC वर्ग के हिस्से का हक़ सामान्य वर्ग को क्यों सौंपा जा रहा है।यह चुप्पी यह दर्शाती है कि वर्षों से ओबीसी वर्ग केवल मतदान का आधार माना गया है, जबकि न्याय और समान अधिकार दिलाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल ने ठोस कदम नहीं उठाया।हम यह संकल्प लेते हैं कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम न केवल वर्ग आधारित जनसंख्या जनगणना कराएंगे, बल्कि उसके आधार पर प्रत्येक वर्ग को उनकी जनसंख्या अनुपात के अनुरूप आरक्षण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेंगे।

“यह स्थिति केवल बिहार और उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के लगभग सभी राज्यों में समान रूप से परिलक्षित होती है। खेद का विषय है कि ओबीसी वर्ग के मतों से निर्वाचित होने वाले नेताओं ने भी संसद भवन में एक बार भी इस अन्याय का विरोध नहीं किया।”
“अब जनता-जनार्दन को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं, सुमन सौरभ चंद्रवंशी, आपको यह भरोसा दिलाता हूँ कि हम विशेष आरक्षण नीति के साथ-साथ ओबीसी, एस सी, एस टी एवं ईबीसी वर्ग के आरक्षण अधिकारों पर पूर्ण न्याय सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए हमें केवल आपका सहयोग,आशीर्वाद, साथ और समर्थन चाहिए।”
सहयोग राशि की अति आवस्यकता है सहयोग जरूर कीजिए?
Axis Bank
ACCOUNT HOLDER : SUMAN SAURABH CHANDRAVANSHIACCOUNT NO. : 923010009020473
IFSC : UTIB0003494UPI :
7070180085@AXISBANK




![]() | ![]() |
|---|---|
![]() |
![]() IMG_20250904_100540Describe your image |
|---|
![]() WhatsApp Image 2025-09-09 at 2.28.28 AMDescribe your image |
![]() WhatsApp Image 2025-09-13 at 10.16.00 PMDescribe your image |
![]() Add a TitleDescribe your image |
![]() Add a TitleDescribe your image |















