
जय हिंद जय भारत🙏
सुमन सौरभ चंद्रवंशी
घोषणापत्र
शिक्षा में सामाजिक न्याय का संकल्प
विशेष आरक्षण नीति:
विशेष आरक्षण नीति का औचित्य एवं संकल्प
स्वतंत्रता प्राप्ति के 79 वर्ष पश्चात भी शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित समानता स्थापित नहीं हो सकी है। वर्तमान परिस्थितियों में किसान, मजदूर तथा निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे गुणवत्तापूर्ण अवसरों से वंचित रह जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि आर्थिक रूप से सक्षम परिवार अपने बच्चों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाते हैं तथा उच्च व्यय के आधार पर अवसर एवं संसाधन खरीद लेने में सक्षम होते हैं। इसके परिणामस्वरूप समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को उचित प्रतिनिधित्व और अवसर प्राप्त नहीं हो पाता।चिकित्सा शिक्षा सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में आज लगभग सभी सीटों पर निजी विद्यालयों में शिक्षित विद्यार्थी प्रभुत्व बनाए हुए हैं। यहाँ तक कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसी सर्वोच्च परीक्षा में भी लगभग सम्पूर्ण स्थान निजी संस्थानों से पढ़े विद्यार्थियों द्वारा ग्रहण कर लिया गया है। यह स्थिति सामाजिक और शैक्षणिक न्याय के विरुद्ध है।अतः आवश्यक है कि विशेष आरक्षण नीति राज्य एवं केंद्र, दोनों स्तरों पर लागू की जाए। इस नीति के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को 80% से 90% तक का आरक्षण सभी विभागों एवं सेवाओं में सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम न केवल शिक्षा एवं रोजगार में संतुलन स्थापित करेगा, बल्कि किसान, मजदूर एवं निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को न्यायोचित अवसर प्रदान करेगा।हम यह संकल्प लेते हैं कि जब हमारी सरकार राज्य में बनेगी तो राज्य स्तर पर इस नीति को लागू किया जाएगा, और जब केंद्र में हमारी सरकार बनेगी तो हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य रूप से लागू करेंगे।

“विशेष आरक्षण नीति के अंतर्गत किन-किन विभागों में आरक्षण लागू होगा, इसकी विस्तृत सूची तैयार कर दी गई है तथा उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इच्छुक अभ्यर्थी एवं नागरिक उक्त वेबसाइट पर जाकर इस सूची का अवलोकन कर सकते हैं।”
ओबीसी का आरक्षण घोटाला
वर्गीय न्याय एवं जनगणना का संकल्प
हमारा देश विविधता से भरा हुआ है और इसमें सबसे बड़ी जनसंख्या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की है और कई राज्यों में ओबीसी में से ही कुछ अन्य वर्ग निकला गया है जैसे बिहार में इबीसी है पर वही इबीसी केंद्र में ओबीसी में आते है। इस वर्ग के अंतर्गत अत्यधिक संख्या ऐसे परिवारों की है जो आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं। दुर्भाग्यवश, वर्षों से इस वर्ग को उनके वास्तविक अधिकार और समान अवसर नहीं मिल पाए।केंद्र की सत्ता में बैठे नेताओं ने सदैव 12% जनसंख्या वाले को विशेष संरक्षण दिया है। यही नहीं, पहले से ही 50.50% आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग ने हथिया रखा था। इसके अतिरिक्त, जब वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री को यह आभास हुआ कि अगली बार पुनः सत्ता में लौटना कठिन होगा, तब उन्होंने सामान्य वर्ग को और अधिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान कर दिया।सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि इस निर्णय का किसी भी राजनीतिक दल या नेता ने विरोध नहीं किया। किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि आखिर OBC और EBC वर्ग के हिस्से का आरक्षण सामान्य वर्ग को क्यों दिया जा रहा है। यह स्थिति पिछले 78 वर्षों से चली आ रही ऐतिहासिक उपेक्षा का ही परिणाम है, जहाँ ओबीसी और इबीसी वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया।हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम वर्ग आधारित जनसंख्या जनगणना (Caste-based Census) कराएंगे और उसके आधार पर हर वर्ग को उनकी वास्तविक जनसंख्या अनुपात के अनुसार न्यायपूर्ण हिस्सा दिलाएंगे। यही सच्चा सामाजिक न्याय है और यही समानता का वास्तविक मार्ग है।

बीजेपी की सरकार उत्तर प्रदेश में ओबीसी, एस सी, एस टी के आरक्षण छोरी देख लीजिए।
सेवा में,माननीय मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी,उत्तर प्रदेश सरकार।विषय: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में आरक्षित पदों के वितरण पर पुनर्विचार करने हेतु।महोदय,सविनय निवेदन है कि मैं आपका ध्यान उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में आरक्षित पदों के असमान वितरण की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। आपकी सरकार द्वारा घोषित भर्ती में कुल 60,244 पदों में से सामान्य वर्ग के लिए 24,102 पद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 6,024 पद आरक्षित किए गए हैं। इस प्रकार सामान्य वर्ग को कुल 30,126 पद उपलब्ध कराए गए हैं।वहीं अनुसूचित जाति (SC) के लिए 12,650 पद, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 1,204 पद, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 16,264 पद आरक्षित किए गए हैं। यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि कुल पदों का 50% से भी कम अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिया गया है, जो सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज के आदर्शों के विपरीत है। योगी बाबा आपको सामान्य वर्ग के अलावा और कोई यूपी में नजर नहीं आ रहा है क्या, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग भी रहता है आपकी सरकार उन गरीब पिछड़े वर्ग को धर्म के नाम पर शोषण कर रही है । शर्म आनी चाहिए सामान्य वर्ग को जो आजादी से पहले शोषण किया सो किया अभी भी अनसूचित जाती, अनसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खेलता है। हिन्दू धर्म, हिन्दू धर्म चिला कर उनके बच्चे का हक का सरकारी नौकरी सामान्य वर्ग को दे रही है बीजेपी सरकार ।माननीय मुख्यमंत्री जी,उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लाखों युवा भी आपकी सरकार की नीतियों से प्रभावित होते हैं। इन वर्गों के अधिकारों और अवसरों की अनदेखी करना न केवल असमानता को बढ़ावा देगा, बल्कि उनके भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।आपसे निवेदन है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित पदों के वितरण पर पुनर्विचार करें और सामाजिक न्याय की भावना को ध्यान में रखते हुए इन वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करें। आपके न्यायपूर्ण हस्तक्षेप से इन वर्गों के युवाओं में विश्वास और आशा का संचार होगा।आपकी सहानुभूतिपूर्ण और न्यायसंगत कार्रवाई की प्रतीक्षा में।


ओबीसी, एस सी, एस टी, वर्ग के साथ हो रहा अन्याय और नेताओं की चुप्पी
यह स्थिति केवल बिहार या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि लगभग पूरे देश के सभी राज्यों में यही परिदृश्य दिखाई देता है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) देश की सबसे बड़ी आबादी वाला वर्ग होते हुए भी, आज तक अपने अधिकारों से वंचित है।दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि ओबीसी वर्ग के वोटों से चुनकर आने वाले अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने संसद भवन में इस वर्ग के पक्ष में कभी सशक्त आवाज़ नहीं उठाई। यहां तक कि जब ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू कर सामान्य वर्ग को अतिरिक्त लाभ दिया गया, तब भी किसी दल या नेता ने इसका विरोध नहीं किया। संसद में एक भी बार यह प्रश्न नहीं पूछा गया कि आखिर OBC और EBC वर्ग के हिस्से का हक़ सामान्य वर्ग को क्यों सौंपा जा रहा है।यह चुप्पी यह दर्शाती है कि वर्षों से ओबीसी वर्ग केवल मतदान का आधार माना गया है, जबकि न्याय और समान अधिकार दिलाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल ने ठोस कदम नहीं उठाया।हम यह संकल्प लेते हैं कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम न केवल वर्ग आधारित जनसंख्या जनगणना (Caste Census) कराएंगे, बल्कि उसके आधार पर प्रत्येक वर्ग को उनकी जनसंख्या अनुपात के अनुरूप आरक्षण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेंगे।

“यह स्थिति केवल बिहार और उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के लगभग सभी राज्यों में समान रूप से परिलक्षित होती है। खेद का विषय है कि ओबीसी वर्ग के मतों से निर्वाचित होने वाले नेताओं ने भी संसद भवन में एक बार भी इस अन्याय का विरोध नहीं कि या।”
“अब जनता-जनार्दन को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं, सुमन सौरभ चंद्रवंशी, आपको यह बच्चन देता हूँ कि हम विशेष आरक्षण नीति के साथ-साथ ओबीसी, एस सी, एस टी एवं ईबीसी वर्ग के आरक्षण अधिकारों पर पूर्ण न्याय सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए हमें केवल आपका सहयोग,आशीर्वाद, साथ और समर्थन चाहिए।”
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घोषणापत्र
1. बिहार पुलिस में नई बहाली:बिहार पुलिस में कुल 3,50,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इन भर्तियों के माध्यम से युवाओ ं को स्थायी रोजगार मिलेगा और प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
2. सभी विभागों में चालक पद हेतु बहाली:राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 1,50,000 चालक (ड्राइवर) पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस कदम से परिवहन, आपूर्ति, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं सहित सभी विभागों की कार्यदक्षता में वृद्धि होगी और बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
3. शिक्षक पदों पर नई बहाली:राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में कुल 2,50,000 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति हेतु भर्ती प्रक्रिया संचालित की जाएगी।इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना, रिक्त पदों की पूर्ति करना तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करना है
4. NBPDCL में कर्मचारियों की नियुक्ति:उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) में कुल 15,000 पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस बहाली से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को अधिक प्रभावी एवं सुचारु बनाया जाएगा तथा तकनीकी व प्रशासनिक कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
5. BELTRON एवं अन्य अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण:राज्य सरकार द्वारा BELTRON सहित विभिन्न विभागों, उपक्रमों एवं एजेंसियों में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों का चरणबद्ध रूप से स्थायीकरण किया जाएगा। इस निर्णय से लगभग 50,000 कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।यह कदम सेवा सुरक्षा, सामाजिक न्याय एवं प्रशासनिक स्थायित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी।
7. ग्रामीण चिकित्सकों की नियुक्ति:ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा कुल 45,000 ग्रामीण चिकित्सकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
8. पशु चिकित्सा विभाग में नियुक्ति:पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाओं को सशक्त करने हेतु पशु चिकित्सा विभाग में कुल 12,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस नियुक्ति से ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुँच बढ़ेगी, पशुधन की देखभाल में सुधार होगा तथा पशुपालकों को समय पर चिकित्सकीय सहायता प्राप्त होगी।
9. राज्य के विकास हेतु 10 नए टेलीविजन चैनलों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा विकासोन्मुखी सूचना, जन-जागरूकता, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास एवं सांस्कृतिक उत्थान जैसे विषयों पर केंद्रित 10 नए टेलीविजन चैनलों की स्थापना की जाएगी।इन चैनलों के माध्यम से राज्य की योजनाओं, उपलब्धियों एवं जनहितकारी नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे नागरिकों की भागीदारी एवं जागरूकता बढ़ेगी और कला के क्षेत्र में अधिक संख्या में रोजगार सृजन होगा।
10. हर घर सड़क योजना का क्रियान्वयन:राज्य सरकार द्वारा ‘हर घर सड़क’ योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर को पक्की सड़क मार्ग से जोड़ने हेतु व्यापक कार्ययोजना लागू की जाएगी, ताकि ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक यातायात, आपूर्ति, स्वास्थ्य तथा शिक्षा सेवाओं की सुलभ पहुँच सुनिश्चित की जा सके।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, क्षेत्रीय समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना तथा नागरिकों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार लाना है।इसके तहत 1.5 फीट चौड़ाई से अधिक जमीन का मुआवजा दिया जाएगा।
11. 'हर घर पानी सोखता' योजना का क्रियान्वयन:जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा ‘हर घर पानी सोखता’ योजना प्रारंभ की जाएगी, जिसके अंतर्गत प्रत्येक आवासीय परिसर में वर्षा जल को भूमिगत स्तर पर सोखने हेतु संरचनात्मक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य जल स्तर में सुधार, शहरी एवं ग्रामीण जल-जमाव की समस्या का समाधान, तथा पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है।
12. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड शिक्षा ऋण माफी योजना:राज्य सरकार द्वारा 'स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना' के अंतर्गत प्राप्त शिक्षा ऋणों को माफ करने की योजना लागू की जाएगी। इस निर्णय से वे सभी छात्र एवं छात्राएँ लाभान्वित होंगे जिन्होंने उच्च शिक्षा हेतु यह ऋण प्राप्त किया है, किंतु आर्थिक कारणों से उसका भुगतान करने में असमर्थ हैं।इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कर्ज़ के बोझ से मुक्ति दिलाना, उच्च शिक्षा को बाधारहित बनाना तथा शिक्षा को सभी वर्गों के लिए सुगम और सुलभ बनाना है।
13. BCA, MCA एवं आई.टी. क्षेत्र में नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (IT), कंप्यूटर अनुप्रयोग (BCA), एवं मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA) से संबंधित विभागों में कुल 15,000 तकनीकी पदों पर नियुक्ति हेतु भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाना, तकनीकी दक्ष युवाओं को रोजगार प्रदान करना तथा ई-गवर्नेंस एवं डिजिटल सेवा वितरण को गति देना है।
14. स्कूल ग्रामीण सहायक पदों पर बहाली:ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में प्रशासनिक एवं सहायक कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा कुल 80,000 स्कूल ग्रामीण सहायक पदों पर नियुक्ति की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य विद्यालयों की बुनियादी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना, शिक्षकों को सहायक सहयोग उपलब्ध कराना तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
15. किसान सलाहकारों का स्थायीकरण:राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग में कार्यरत सभी किसान सलाहकारों का चरणबद्ध रूप से स्थायीकरण किया जाएगा, जिससे उनकी सेवा सुरक्षा, पारिश्रमिक एवं कार्य-दायित्वों को स्पष्ट एवं सुनिश्चित किया जा सके।इस निर्णय से किसानों को स्थायी एवं प्रशिक्षित सलाहकारों के माध्यम से तकनीकी सहायता प्राप्त होगी, जिससे कृषि उत्पादकता, नवाचार और क्षेत्रीय कृषि प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी।
16. सफाईकर्मियों का स्थायीकरण:राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों, पंचायतों एवं संबंधित विभागों में कार्यरत सभी अनुबंधित सफाईकर्मियों का चरणबद्ध रूप से स्थायीकरण किया जाएगा, ताकि उन्हें सेवा सुरक्षा, नियमित वेतन, सामाजिक सुरक्षा लाभ एवं गरिमामय कार्यपरिस्थितियाँ प्राप्त हो सकें।इस पहल का उद्देश्य सफाईकर्मियों को सम्मानजनक जीवन, स्थायी रोजगार एवं स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना तथा स्वच्छता व्यवस्था को संस्थागत रूप से सुदृढ़ बनाना है।
17. अबाकस गणित शिक्षकों की नियुक्ति:गणितीय बौद्धिक विकास एवं मानसिक गणना क्षमता को प्रारंभिक स्तर से ही सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों में अबाकस गणित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस उद्देश्य से लगभग 80,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य छात्रों में तार्किक सोच, संख्यात्मक दक्षता और गणित के प्रति अभिरुचि को प्रारंभिक अवस्था से ही विकसित करना है, जिससे वे भविष्य की प्रतिस्पर्धाओं हेतु सशक्त रूप से तैयार हो सकें।
18. माली पदों पर नियुक्ति:
राज्य सरकार द्वारा उद्यानों, विद्यालय परिसरों, सरकारी कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों की हरित व्यवस्था एवं सौंदर्यीकरण हेतु माली के पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।इस बहाली से सार्वजनिक स्थलों की हरियाली, स्वच्छता एवं पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा तथा बड़ी संख्या में श्रमिक वर्ग को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
19. जल संसाधन विभाग में नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा जल आपूर्ति, सिंचाई, जल संरक्षण एवं प्रबंधन को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने हेतु जल संसाधन विभाग में कुल 20,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य जल प्रबंधन तंत्र को मजबूत करना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा संबंधित तकनीकी एवं प्रशासनिक सेवाओं को विस्तार देना है।
20. अमीन पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण, अभिलेख अद्यतन एवं भू-अधिकार से संबंधित कार्यों के निष्पादन हेतु 15,000 अमीन पदों पर नियुक्ति की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य भूमि विवादों के शीघ्र निपटारे, राजस्व सुधार, डिजिटलीकरण तथा पारदर्शी भू-प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करना है।
21. स्पेशल स्कूल मॉनिटरिंग विभाग में नियुक्ति:राज्य के विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता, उपस्थिति, पठन-पाठन की निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यों को सशक्त करने हेतु स्पेशल स्कूल मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट में कुल 15,000 पदों पर नई नियुक्ति की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य विद्यालयों में शैक्षणिक अनुश्रवण (Monitoring) की प्रणाली को मजबूत करना, शैक्षिक जवाबदेही सुनिश्चित करना तथा छात्र-शिक्षक प्रदर्शन में गुणवत्ता सुधार लाना है।
22. शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाएगा:राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों पर केंद्रित रहें। उनके पठन-पाठन कार्य में बाधा पहुँचाने वाले सभी प्रकार के गैर-शैक्षणिक एवं बाह्य कार्यों से उन्हें पूर्णतः मुक्त किया जाएगा।इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हेतु समय, संसाधन एवं मानसिक एकाग्रता प्रदान करना है, जिससे विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
23. प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्रों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के सफल, पारदर्शी एवं सुगम संचालन हेतु प्रत्येक जिले में आधुनिक एवं मानकयुक्त परीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य दूर-दराज़ के विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर परीक्षा देने की सुविधा प्रदान करना, आवागमन की कठिनाइयों को समाप्त करना तथा परीक्षा प्रणाली को सुरक्षित एवं व्यवस्थित बनाना है।
24. विद्यालयों का डिजिटलीकरण एवं कक्षाओं में निगरानी व्यवस्था:राज्य के सभी विद्यालयों को चरणबद्ध रूप से डिजिटल सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में उच्च गुणवत्ता वाले CCTV कैमरे स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से अभिभावकों को रियल-टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।इस योजना का उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, सुरक्षा, अनुशासन तथा अभिभावकों की सहभागिता को सुनिश्चित करना है, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।
25. राज्य में नए जलबंधों (डैम) का निर्माण:जल संरक्षण, सिंचाई सुविधा विस्तार एवं बाढ़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा बिहार में 5 नए जलबंधों (डैम) का निर्माण किया जाएगा। इन जल संरचनाओं से कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा एवं पेयजल आपूर्ति भी सशक्त होगी।इस परियोजना का उद्देश्य सतही जल भंडारण क्षमता में वृद्धि करना, सिंचित क्षेत्र को विस्तार देना तथा प्राकृतिक जल स्रोतों का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
26. किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा का विस्तार:राज्य सरकार द्वारा कृषि उपज के भंडारण, मूल्य संरक्षण एवं विपणन क्षमता को सुदृढ़ करने हेतु 200 नवीन कोल्ड स्टोरेज इकाइयों का निर्माण किया जाएगा, ताकि किसानों को उनकी उपज के सुरक्षित भंडारण की सुविधा सुलभ हो सके।इस पहल का उद्देश्य फसल बर्बादी को रोकना, किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना, बिचौलियों पर निर्भरता घटाना एवं कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
27. बंद पड़ी चीनी मिलों का पुनरुद्धार:राज्य सरकार द्वारा बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों का तकनीकी उन्नयन एवं पुनरुद्धार किया जाएगा, जिससे उत्पादन कार्य पुनः प्रारंभ हो सके एवं स्थानीय स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।इस निर्णय का उद्देश्य गन्ना उत्पादक किसानों को स्थायी बाजार उपलब्ध कराना, ग्रामीण रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना तथा राज्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था को गति देना है।
28. बाढ़ नियंत्रण हेतु ₹20,000 करोड़ की विशेष परियोजना:राज्य में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थायी सुरक्षा हेतु ₹20,000 करोड़ की एक व्यापक बाढ़ नियंत्रण परियोजना तैयार की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार के सहयोग से स्वीकृत कराकर 6 माह के भीतर कार्य प्रारंभ किया जाएगा ।इस परियोजना का उद्देश्य तटबंधों की मजबूती, जल निकासी व्यवस्था में सुधार, बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली का विकास तथा बाढ़ प्रभावित जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
29. वृद्ध एवं निराश्रितजनों हेतु आश्रयालयों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में वृद्धजनों एवं बेसहारा नागरिकों के लिए समुचित सुविधाओं से युक्त आधुनिक आश्रयालयों का निर्माण किया जाएगा, जहाँ उन्हें सम्मानजनक जीवन, स्वास्थ्य सेवा एवं सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों एवं असहाय व्यक्तियों को सुरक्षित, ससम्मान एवं आत्मनिर्भर जीवन प्रदान करना है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
30. 21 वर्ष से कम आयु के बच्चों हेतु आवासीय विद्यालयों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में 21 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए आधुनिक आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी, जहाँ बालक एवं बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक परिसर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इन विद्यालयों में शिक्षा, आवास, भोजन, स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व विकास की सभी सुविधाएँ नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य समाज के आर्थिक एवं सामाजिक रूप से वंचित बच्चों को सुरक्षित, समावेशी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा सर्वांगीण विकास का अवसर प्रदान करना "जिन विद्यार्थियों के माता अथवा पिता का देहावसान हो चुका होगा, ऐसे पात्र बच्चों का आवासीय विद्यालयों में सीधे नामांकन किया जाएगा।"
31. प्रत्येक ग्राम में स्वागत द्वार की स्थापना:ग्राम की सांस्कृतिक पहचान एवं प्रवेश स्थल को गरिमामय स्वरूप प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम में भव्य ‘ग्राम स्वागत द्वार’ का निर्माण कराया जाएगा। यह स्वागत द्वार स्थानीय सांस्कृतिक, ऐतिहासिक अथवा भौगोलिक विशेषताओं को दर्शाने वाला होगा।इस पहल का उद्देश्य ग्रामों की पहचान को सशक्त बनाना, स्थानीय गौरव को बढ़ावा देना तथा ग्रामीण सौंदर्यीकरण को प्रोत्साहित करना है।
32. प्रत्येक चौक पर सार्वजनिक शौचालय एवं पेयजल सुविधा:जनसुविधा एवं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक चौक पर आधुनिक सार्वजनिक शौचालय तथा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य स्वच्छता अभियान को गति देना, आम नागरिकों एवं यात्रियों को मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करना तथा शहरी एवं ग्रामीण चौक-चौराहों को सुव्यवस्थित बनाना है।
33. विद्यालयों के समीप सुरक्षा उपायों की व्यवस्था:सड़क के किनारे स्थित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सड़क किनारे आवश्यक स्थलों पर सुरक्षात्मक बैरिकेटिंग तथा ऊपरी पैदल पारपथ (Foot Over Bridge) का निर्माण कराया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य विद्यालय आने-जाने वाले छात्रों की सड़क दुर्घटनाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करना, अभिभावकों में भावना पैदा करना तथा सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है।
34. प्रत्येक राजस्व ग्राम में खेल मैदान एवं उद्यान (गार्डन) का निर्माण:ग्रामीण युवाओं एवं नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली, मनोरंजन एवं सामुदायिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक राजस्व ग्राम में लगभग 1 एकड़ भूमि पर एक बहुद्देश्यीय खेल मैदान तथा हरित उद्यान (गार्डन) का निर्माण कराया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद एवं स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना, युवाओं में खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करना तथा ग्रामवासियों को स्वच्छ, हरित और मनोरम सार्वजनिक स्थल प्रदान करना है।
35. राज्य में 1 लाख नवीन व्यावसायिक भवन का निर्माण:
उद्यमिता को प्रोत्साहन देने तथा छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स एवं स्व-रोज़गार से जुड़े युवाओं को सुविधाजनक व्यवसायिक स्थल उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा बिहार में लगभग 1 लाख नवीन व्यावसायिक भवनों/परिसरों का निर्माण कराया जाएगा। ये भवन कम किराया दर पर तथा बिना किसी अग्रिम जमानत राशि के उपलब्ध कराए जाएंगे।इस योजना का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को व्यवसाय आरंभ करने के लिए स्थान संबंधी बाधाओं से मुक्त करना, शहरी एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देना तथा स्वरोज़गार को संस्थागत समर्थन प्रदान करना है।
36. प्रत्येक जिले में वृहद व्यावसायिक पार्कों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उद्यमिता, व्यापारिक गतिविधियों एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक जिले में वृहद व्यावसायिक पार्कों (Commercial Parks) की स्थापना की जाएगी। इन पार्कों में व्यवसायिक इकाइयों के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाएँ, जैसे—बिजली, जल, मार्ग, गोदाम, कार्यालय एवं सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।इस पहल का उद्देश्य जिलों में संगठित व्यापारिक वातावरण तैयार करना, स्थानीय व्यापारियों एवं निवेशकों को एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करना तथा राज्य की आर्थिक गतिविधियों को विकेंद्रित रूप से सशक्त बनाना है।
37. प्रत्येक किसान के लिए किसान कार्ड की सुविधा:
राज्य सरकार द्वारा सभी पात्र किसानों को एक एकीकृत ‘किसान कार्ड’ प्रदान किया जाएगा, जिसके माध्यम से वे सभी सरकारी कृषि योजनाओं, अनुदानों, ऋण सुविधाओं, बीमा, सब्सिडी एवं तकनीकी सेवाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।इस योजना का उद्देश्य किसान हितैषी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता एवं सरलता के साथ किसानों तक पहुँचाना, सेवा वितरण में दक्षता लाना तथा कृषि क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।
38. कोल्ड स्टोरेज उपयोग हेतु भूमि पर अनुदानात्मक छूट नीति:
किसानों, कृषि उद्यमियों एवं सहकारी संस्थाओं को कोल्ड स्टोरेज निर्माण व उपयोग हेतु भूमि के आधार पर निम्नलिखित दरों पर छूट प्रदान की जाएगी:
•5 एकड़ तक भूमि पर – शत-प्रतिशत (100%) निःशुल्क ।
•10 एकड़ तक भूमि पर – 70% तक छूट प्रदान की जाएगी।
•10 से 15 एकड़ भूमि पर – 40% तक छूट दी जाएगी।
•15 एकड़ से अधिक भूमि पर – 30% तक छूट उपलब्ध कराई जाएगी।
•इस योजना का उद्देश्य राज्य में आधुनिक कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहित करना, कृषि उत्पादों की बर्बादी रोकना, भंडारण सुविधा को सुलभ बनाना तथा किसानों को विपणन में लाभकारी मूल्य दिलाना है।________________________________________
39. बीज एवं उर्वरकों पर 50% अनुदान:राज्य सरकार द्वारा किसानों को बीज एवं उर्वरकों की खरीद पर किसी भी पंजीकृत दुकान से 50% तक की अनुदानात्मक छूट प्रदान की जाएगी। यह सुविधा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से पारदर्शी रूप से किसानों के खातों में दी जाएगी।इस योजना का उद्देश्य किसानों की उत्पादन लागत को कम करना, उच्च गुणवत्ता वाले बीज एवं उर्वरकों तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना तथा खेती को अधिक लाभकारी बनाना है।________________________________________
40. कृषि उपयोग हेतु विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट:राज्य सरकार द्वारा किसानों को राहत प्रदान करने एवं कृषि लागत में कमी लाने हेतु कृषि कार्यों में प्रयुक्त बिजली पर पूर्णतः शुल्क माफ किया जाएगा। यह सुविधा सिंचाई, कृषि यंत्रों एवं अन्य कृषि-उपयोगी विद्युत उपकरणों पर लागू होगी।इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना, सिंचाई की लागत को न्यूनतम करना तथा कृषि क्षेत्र को अधिक उत्पादक और आत्मनिर्भर बनाना है।
41. डीजल पर 30% अनुदान – किसान कार्ड धारकों को तत्काल लाभ:राज्य सरकार द्वारा कृषि कार्यों हेतु प्रयुक्त डीजल पर किसान कार्ड धारकों को तत्काल प्रभाव से 30% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य सिंचाई, जुताई एवं अन्य डीजल-आधारित कृषि कार्यों की लागत को कम करना तथा किसानों को ईंधन मूल्य वृद्धि से राहत प्रदान करना है।
42. कृषि यंत्रों पर 50% अनुदान एवं तत्काल ऋण सुविधा:राज्य सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषि यंत्रों की खरीद पर 50% तक की अनुदानात्मक छूट प्रदान की जाएगी। साथ ही, ब्याज रहित या रियायती दर पर तत्काल ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसान बिना आर्थिक बाधा के आवश्यक उपकरण प्राप्त कर सकें। इस योजना का उद्देश्य कृषि को यंत्रीकृत करना, श्रम लागत में कमी लाना, उत्पादकता बढ़ाना तथा छोटे एवं मध्यम किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।
43. सीमांत एवं लघु किसानों हेतु वस्त्र सम्मान योजना:राज्य सरकार द्वारा 10 एकड़ से कम कृषि भूमि धारित करने वाले सभी किसानों को ‘वस्त्र सम्मान’ के रूप में ₹3,000 प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह राशि प्रतिवर्ष सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य किसानों को सामाजिक सम्मान एवं आवश्यक वस्त्र-संबंधी व्यय में सहयोग प्रदान करना है, जिससे उनके जीवन स्तर में वृद्धि हो तथा वे गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सकें।
44. गन्ना किसानों को परिवहन हेतु डीजल पर 30% अनुदान:राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को उनकी उपज को चीनी मिलों एवं खरीद केंद्रों तक पहुँचाने हेतु डीजल पर 30% तक की अनुदानात्मक छूट प्रदान की जाएगी। यह लाभ किसान कार्ड धारकों को उपलब्ध होगा।इस योजना का उद्देश्य गन्ना किसानों की परिवहन लागत को कम करना, समय पर उपज की आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा गन्ना उत्पादन एवं विपणन को आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी बनाना है।
45. कक्षा एक से स्नातक तक के विद्यार्थियों के लिए 'विद्यार्थी कार्ड' योजना:राज्य सरकार द्वारा कक्षा एक से स्नातक तक के सभी छात्र-छात्राओं को एक विशेष ‘विद्यार्थी कार्ड’ प्रदान किया जाएगा। इस कार्ड के माध्यम से वे किसी भी अधिकृत/पंजीकृत दुकान से स्कूल बैग, जूते, यूनिफॉर्म, कॉपी, पेन, थर्मस आदि आवश्यक शैक्षणिक सामग्रियाँ खरीद सकेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक वर्ष दो शैक्षणिक/प्रेरणादायक सिनेमा टिकट भी इस कार्ड के माध्यम से प्राप्त किए जा सकेंगे।इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को आवश्यक शैक्षणिक संसाधनों तक स्वतंत्र, गरिमापूर्ण एवं सुलभ पहुँच प्रदान करना, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक विकास को प्रोत्साहित करना तथा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र-छात्राओं को समान अवसर उपलब्ध कराना है।________________________________________
46. सभी कल्याणकारी कार्डों का समयबद्ध वितरण:राज्य में सरकार गठन के 30 दिनों के भीतर ‘विद्यार्थी कार्ड’, ‘किसान कार्ड’, ‘रोजगार कार्ड’ सहित सभी कल्याणकारी कार्डों का निर्गमन एवं वितरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा, ताकि लाभार्थी योजनाओं का शीघ्र लाभ प्राप्त कर सकें।इस पहल का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी लाना,योजनाओं को समयबद्ध रूप से लागू करना तथा पारदर्शी और प्रभावी जन-सेवा सुनिश्चित करना है।
47. 'शहीद सम्मान योजना' के अंतर्गत शहीद जवानों के परिजनों को मासिक सहायता:राज्य सरकार द्वारा सेना एवं बिहार पुलिस के शहीद जवानों के माता-पिता को आजीवन ₹5,000 प्रति माह की सम्मान राशि ‘शहीद सम्मान योजना’ के अंतर्गत प्रदान की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों को आर्थिक एवं सामाजिक सम्मान प्रदान करना, उनके त्याग का संस्थागत रूप से आदर करना तथा शहीद परिवारों के प्रति राज्य की कृतज्ञता प्रकट करना है।
48. 'समाज विकास व्यक्ति सम्मान योजना' के अंतर्गत भूमि दाताओं के परिवार को मान्यता एवं आर्थिक सहयोग:जिन महानुभावों ने विद्यालय या महाविद्यालय की स्थापना हेतु अपनी निजी भूमि दान की है, उनके योगदान को चिरस्थायी सम्मान प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा उनके उत्तराधिकारियों को ₹5,000 प्रति माह की सहायता राशि ‘समाज विकास व्यक्ति सम्मान योजना’ के अंतर्गत आजीवन प्रदान की जाएगी।
साथ ही,
•संबंधित दानकर्ता के नाम पर विद्यालय/महाविद्यालय का नामकरण किया जाएगा।•विद्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा की स्थापना कर उनकी स्मृति को संस्थागत रूप से सम्मानित किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य समाजोत्थान में योगदान देने वाले नागरिकों के त्याग को सम्मानित करना, जन-सहयोग को प्रेरित करना तथा शिक्षा क्षेत्र में लोक सहभागिता की भावना को सशक्त बनाना है।
49. योग, कला एवं खेल शिक्षकों की नियुक्ति ( 80,000 पद):**छात्रों के शारीरिक, मानसिक एवं रचनात्मक विकास को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा योग, दृश्य एवं प्रदर्शन कला, तथा खेल शिक्षकों के कुल 80,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। यह बहाली राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य विद्यालय शिक्षा प्रणाली को समग्र एवं बहुआयामी बनाना, विद्यार्थियों में स्वास्थ्य, संस्कृतिक अभिरुचि एवं खेल कौशल का विकास करना तथा योग एवं पारंपरिक कलाओं को संस्थागत स्वरूप प्रदान करना है।
50. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) में प्रशिक्षकों की नियुक्ति (2000 पद):राज्य सरकार द्वारा तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में 2000 प्रशिक्षकों (शिक्षकों) के पदों पर नियुक्ति की जाएगी। यह बहाली विभिन्न तकनीकी ट्रेड्स में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप तकनीकी कौशल प्रदान करना, प्रशिक्षकों की रिक्तियों को भरना तथा राज्य में कौशल विकास के माध्यम से रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।
51. बंद पड़ी कागज (पेपर) उद्योगों का पुनरुद्धार:राज्य सरकार द्वारा बिहार में बंद पड़ी सभी कागज उद्योगों का तकनीकी उन्नयन एवं पुनरुद्धार (Revival) कर उन्हें पुनः चालू किया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके तथा रोजगार एवं आर्थिक विकास को नई गति दी जा सके।इस योजना का उद्देश्य परित्यक्त औद्योगिक परिसंपत्तियों का पुनः उपयोग, कागज उत्पादन में आत्मनिर्भरता, और क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक एवं श्रमशक्ति को पुनर्जीवित करना है।
52. 60,000 कपड़ा वाशिंग सेंटर की स्थापना हेतु वाशिंग मशीन वितरण योजना:स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय स्तर पर कपड़ा धुलाई सेवाओं को संस्थागत स्वरूप देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 60,000 कपड़ा वाशिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को वाशिंग मशीन एवं अन्य आवश्यक उपकरण नि:शुल्क प्रदान किए जाएंगे।इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।
53. पुलिस बल हेतु आधुनिक बैरक (Barracks) का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों के आवासीय, प्रशिक्षण एवं ड्यूटी-पूर्व विश्राम की समुचित व्यवस्था हेतु पुलिस विभाग के अंतर्गत आधुनिक एवं सुविधायुक्त बैरकों का निर्माण कराया जाएगा। यह निर्माण राज्य के सभी ज़िलों, अनुमंडलों एवं रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से किया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य पुलिस बल को सुरक्षित, स्वच्छ एवं मानवीय आवासीय सुविधा प्रदान करना, उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि करना तथा आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को संस्थागत रूप से सुदृढ़ बनाना है।
54. पंचायत स्तर पर आर.ओ. जल शुद्धिकरण इकाइयों की स्थापना एवं वितरण व्यवस्था:जिन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आर.ओ. (RO) पेयजल शुद्धिकरण प्रणाली उपलब्ध नहीं है, वहाँ स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में एक आर.ओ. मशीन स्थापित की जाएगी।इन इकाइयों से शुद्ध पेयजल जार के माध्यम से संबंधित स्कूलों, कॉलेजों एवं सार्वजनिक संस्थानों तक नियमित रूप से पहुँचाया जाएगा।इस योजना के संचालन, जल शुद्धिकरण, पैकेजिंग एवं आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम पांच परिवारों को स्थायी रोजगार प्रदान किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं ग्रामीण जनसंख्या को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम करना तथा ग्राम स्तर पर स्वरोजगार एवं सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना है।
55. महिला कर्मचारियों हेतु मातृत्व-आधारित विशेष अवकाश योजना:राज्य सरकार द्वारा कार्यरत महिला कर्मचारियों को मातृत्व एवं शिशु देखभाल की दृष्टि से विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत गर्भावस्था के तीसरे माह से लेकर बच्चे के जन्म के पश्चात 18 माह तक की अवधि में वे अपनी स्वेच्छा से घर पर रहकर कार्य से अवकाश ले सकेंगी।यह अवकाश मातृत्व सम्मान, मातृत्व स्वास्थ्य एवं नवजात शिशु की प्रारंभिक देखभाल की दृष्टि से मानवीय एवं लचीली नीति के अंतर्गत अनुमन्य होगा।इस योजना का उद्देश्य मातृत्व काल में महिला कर्मचारियों को सुरक्षित, सम्मानजनक एवं स्वास्थ्य-संवेदनशील कार्य परिवेश उपलब्ध कराना है, जिससे वे पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ भविष्य में पुनः कार्य क्षेत्र में सक्षम रूप से लौट सकें।
56. शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं हेतु निःशुल्क सेनेटरी पैड वितरण योजना:राज्य सरकार द्वारा कक्षा 8 से लेकर स्नातक (डिग्री कॉलेज) स्तर तक के सभी सरकारी एवं मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को निःशुल्क सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक विद्यालय एवं महाविद्यालय परिसर में नियमित वितरण एवं सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य किशोरी एवं युवा छात्राओं के मासिक धर्म स्वास्थ्य (Menstrual Hygiene) को सुरक्षित बनाना, विद्यालय उपस्थिति को बढ़ावा देना तथा महिलाओं को सम्मानजनक एवं स्वच्छ शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना है।
57. सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क सेनेटरी पैड वितरण की सुविधा:राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के मासिक धर्म स्वच्छता (Menstrual Hygiene) एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिकस्वास्थ्य केंद्रों (CHC) एवं मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाइयों में निःशुल्क सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाएंगे।यह सुविधा विशेष रूप से ग्रामीण, वंचित एवं जरूरतमंद महिलाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर लागू की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य महिला स्वास्थ्य को सशक्त बनाना, मासिक धर्म से जुड़े सामाजिक संकोच को कम करना, संक्रमणों की रोकथाम करना तथा हर वर्ग की महिलाओं को सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है।
59. आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से निःशुल्क सेनेटरी पैड वितरण:राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित आवश्यक सामग्री की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से निःशुल्क सेनेटरी पैड का वितरण किया जाएगा। यह सेवा विशेष रूप से ग्रामीण एवं दूर-दराज़ क्षेत्रों की महिलाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं को घर-घर तक पहुँचाना, मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना, तथा वंचित वर्ग की महिलाओं को सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करना है।
60. चौकीदार पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा प्रशासनिक निगरानी तंत्र को प्रभावी बनाने हेतु चौकीदार पदों पर नियुक्ति की जाएगी। यह बहाली रिक्त पदों की पूर्ति एवं जन सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को मजबूत करना, स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करना तथा बेरोजगार युवाओं को सम्मानजनक रोजगार प्रदान करना है।
61. कार्यालय सहायक (प्यून) पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा शासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों एवं अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में कार्य निष्पादन को सुचारु रूप से संचालित करने हेतु कार्यालय सहायक (प्यून) के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इस बहाली का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सहायक जनशक्ति की पूर्ति करना, कार्यालय संचालन की दक्षता बढ़ाना एवं बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
62. नाई (बाल संवाहक) पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा कारागार, पुलिस बल, छात्रावासों एवं अन्य शासकीय संस्थानों में आवश्यक सेवा प्रदान करने हेतु नाई (बाल संवाहक) पदों पर चरणबद्ध नियुक्ति की जाएगी।इस बहाली का उद्देश्य सार्वजनिक संस्थानों में आवश्यक दैनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना, परंपरागत सेवाओं को सम्मानजनक स्थान देना तथा सेवा-आधारित समुदायों को रोजगार प्रदान कर सामाजिक समावेशन को सशक्त बनाना है।
63. शहरी क्षेत्रों के लिए आधुनिक रोड मैप (सड़क मानचित्र) का पुनर्निर्माण:राज्य सरकार द्वारा बिहार के सभी नगरों एवं शहरी क्षेत्रों का नवीन, वैज्ञानिक एवं समावेशी दृष्टिकोण पर आधारित रोड मैप (सड़क संरचना योजना) तैयार किया जाएगा, जिसमें यातायात प्रवाह, पैदल यात्री मार्ग, सार्वजनिक परिवहन, हरित क्षेत्र, पार्किंग तथा आपातकालीन सेवाओं की सुचारु व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।इस योजना का उद्देश्य शहरी यातायात को सुव्यवस्थित बनाना, नागरिकों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आवागमन उपलब्ध कराना, और आधुनिक, टिकाऊ एवं भविष्य उन्मुख शहरी बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
64. सेविका एवं सहायिका पदों पर बिहार राज्य वेतनमान की स्वीकृति:राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविकाओं एवं सहायिकाओं को सम्मानजनक पारिश्रमिक एवं सेवा सुरक्षा प्रदान करने हेतु उन्हें बिहार राज्य वेतनमान के अंतर्गत लाया जाएगा।इस निर्णय का उद्देश्य महिला कार्यकर्ताओं को उनके सेवा कार्यों का समुचित आर्थिक व सामाजिक सम्मान देना, उनकी आजीविका को स्थायित्व प्रदान करना एवं बाल विकास सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करना है।
65. जर्जर सरकारी विद्यालय भवनों का पुनर्निर्माण:राज्य सरकार द्वारा सभी जर्जर एवं असुरक्षित स्थिति में स्थित सरकारी विद्यालय भवनों का पूर्णतः पुनर्निर्माण कराया जाएगा। निर्माण कार्य नवीनतम तकनीकी मानकों, सुरक्षा उपायों एवं छात्र-अनुकूल संरचनात्मक सुविधाओं के अनुरूप किया जाएगा, जिससे शिक्षण वातावरण को सुरक्षित, सुसज्जित एवं प्रेरणादायक बनाया जा सके।इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को उपयुक्त अधोसंरचना उपलब्ध कराना, शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाना तथा विद्यालय परित्याग (dropout) दर को कम करना है।
66. विद्यालय स्थापना एवं विस्तार हेतु भूमि क्रय की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा ऐसे विद्यालयों की पहचान की जाएगी,
•जहाँ विद्यालय भवन स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है — वहाँ नवीन विद्यालय भवनों की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि क्रय की जाएगी तथा प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा।
•जहाँ विद्यालय पहले से संचालित है, किंतु उपलब्ध भूमि अपर्याप्त है — वहाँ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण/क्रय कर विद्यालय परिसर का विस्तार किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य शिक्षा के बुनियादी ढांचे का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना, भीड़भाड़ एवं अव्यवस्था को समाप्त करना, तथा भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार विद्यालय परिसरों को विस्तृत एवं व्यवस्थित बनाना है ।
68. सरकारी विद्यालय परिसरों की घेराबंदी (परिसीमन) की योजना:राज्य सरकार द्वारा बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों की परिसरों को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं अनुशासित वातावरण प्रदान करने हेतु घेराबंदी (बाउंड्री वॉल/प्राचीर निर्माण) की व्यवस्था की जाएगी। यह कार्य चरणबद्ध रूप से प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य विद्यालय परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, बाहरी हस्तक्षेप को रोकना, छात्राओं हेतु सुरक्षित वातावरण प्रदान करना एवं विद्यालय की परिसंपत्तियों की रक्षा करना है।
69. ‘बिहार छात्र डिजिटल लाइब्रेरी योजना’ की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने हेतु ‘बिहार छात्र डिजिटल लाइब्रेरी योजना’ प्रारंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन पुस्तकें, ई-नोट्स, वीडियो लेक्चर, मॉडल प्रश्नपत्र, प्रतियोगी परीक्षाओं की सामग्री एवं पाठ्यक्रम आधारित डिजिटल संसाधन एकीकृत रूप से एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे एवं लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को समान शैक्षणिक अवसर प्रदान करना तथा ग्रामीण-शहरी अंतर को पाटते हुए डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करना है।
70. सभी जिलों में डिजिटल परीक्षा केंद्रों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा उन जिलों की पहचान की जाएगी जहाँ वर्तमान में डिजिटल परीक्षा केंद्र (Computer-Based Test Centers) उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे सभी जिलों में आधुनिक एवं तकनीकी रूप से सुसज्जित डिजिटल परीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी, ताकि राज्य के सभी छात्रों को प्रतियोगी एवं अन्य परीक्षाओं हेतु समान अवसर प्राप्त हो सके।इस योजना का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, दक्षता एवं तकनीकी समावेशन को बढ़ावा देना है, साथ ही छात्रों को उनके गृह जिले में ही डिजिटल परीक्षा देने की सुविधा प्रदान करना है।
71. 'जमीन कार्ड' योजना का क्रियान्वयन:राज्य सरकार द्वारा भूमि स्वामित्व एवं अभिलेखों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक भूमि स्वामी को एक 'जमीन कार्ड' निर्गत किया जाएगा। यह कार्ड संबंधित व्यक्ति की भूमि से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी — जैसे खाता संख्या, रकबा, सीमांकन, वर्गीकरण एवं स्वामित्व विवरण — का आधिकारिक दस्तावेज होगा।इस योजना का उद्देश्य भूमि विवादों के शीघ्र समाधान, स्वामित्व की पुष्टि, भूमि सुधार कार्यक्रमों की दक्षता में वृद्धि तथा नागरिकों को पारदर्शी एवं डिजिटल भू-प्रबंधन सुविधा प्रदान करना है।
72. कार्यस्थल पर मृत्यु की स्थिति में मजदूर एवं किसानों हेतु आर्थिक सहायता योजना:राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यदि कोई पंजीकृत मजदूर या किसान कार्य के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु का शिकार होता है, तो उनके आश्रितों को ₹2,00,000 (दो लाख रुपये) की एकमुश्त अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों एवं किसानों के परिवारों को संकट की घड़ी में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना, कार्य-स्थल पर कार्यरत जनों के हितों की रक्षा करना तथा समाज के निर्माण में लगे लोगों के प्रति राज्य की संवेदनशीलता को सुदृढ़ करना है।
73. कार्यस्थल पर घायल श्रमिकों हेतु भरण-पोषण सहायता योजना:राज्य सरकार द्वारा यह व्यवस्था की जाएगी कि यदि कोई पंजीकृत मजदूर कार्य के दौरान गंभीर रूप से घायल हो जाता है और उसे दीर्घकालिक चिकित्सा या उपचार की आवश्यकता होती है, तो इलाज की अवधि तक उसके परिवार के भरण-पोषण हेतु ₹5,000 प्रति माह की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य घायल श्रमिक के परिवार को आर्थिक संकट से बचाना, श्रमिकों को सामाजिक एवं मानवीय सुरक्षा प्रदान करना तथा राज्य की ओर से श्रमिक वर्ग के प्रति उत्तरदायित्व को सशक्त बनाना है।यदि आप बिंदु क्रमांक 74 या अन्य साझा करना चाहें, तो कृपया बताएं।
74. बहु-स्तरीय खेल एवं कला कार्यक्रमों का मासिक आयोजन:राज्य सरकार द्वारा युवाओं, विद्यार्थियों एवं कलाकारों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने तथा सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों को जनस्तर पर सशक्त बनाने हेतु प्रत्येक माह पंचायत, प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर खेलकूद एवं कला कार्यक्रमों का नियमित आयोजन किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य युवाओं में रचनात्मकता, नेतृत्व, टीम भावना एवं अनुशासन का विकास करना है, साथ ही परंपरागत लोककला, नाट्य, संगीत और चित्रकला जैसी विधाओं को पुनर्जीवित कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।
75. फैशन एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) कौशल विकास कार्यक्रमों का मासिक आयोजन:राज्य सरकार द्वारा युवाओं को आधुनिक रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों से जोड़ने एवं उनके कौशल का तकनीकी व रचनात्मक विकास सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक माह पंचायत, प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर फैशन डिजाइनिंग एवं सूचना प्रौद्योगिकी (IT) से संबंधित विशेष प्रशिक्षण एवं कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना, स्टार्टअप एवं नवाचार को बढ़ावा देना, और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में समान रूप से आधुनिक कौशल प्रशिक्षण की पहुँच सुनिश्चित करना है।
76. मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का मासिक आयोजन:राज्य सरकार द्वारा बिहार की समृद्ध लोककला ‘मिथिला पेंटिंग’ के संरक्षण, प्रचार-प्रसार एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रत्येक माह मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का आयोजन पंचायत, प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक लोककला को आर्थिक एवं सामाजिक मंच प्रदान करना, स्थानीय कलाकारों को सम्मान एवं विपणन के अवसर देना, तथा मिथिला कला को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
77. क्षेत्रीय भाषाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का टेलीविज़न प्रसारण:राज्य सरकार द्वारा बिहार की भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करने हेतु सभी सरकारी एवं मान्यता प्राप्त टेलीविज़न चैनलों पर प्रत्येक क्षेत्रीय भाषा (जैसे मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका, बज्जिका आदि) में नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण सुनिश्चित किया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य सभी भाषाई समुदायों की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को सम्मान देना, लोककलाओं, साहित्य एवं परंपराओं का संरक्षण करना तथा बिहार की विविध संस्कृति को समान मंच प्रदान करना है।
78. सरकारी निविदा प्रक्रिया में आरक्षण नीति का क्रियान्वयन:राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास को सुनिश्चित करने हेतु सरकारी निविदाओं(ठेकेदारी/ठेका कार्यों) में वंचित वर्गों — जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला उद्यमी एवं दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू की जाएगी।उद्देश्य:इस नीति का उद्देश्य आर्थिक अवसरों में समान भागीदारी सुनिश्चित करना, परंपरागत ठेकेदारी तंत्र में सामाजिक विविधता लाना एवं छोटे तथा नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।
79. पारंपरिक ‘लौंडा नाच’ कला के संरक्षण एवं प्रसारण की योजना:राज्य सरकार द्वारा बिहार की पारंपरिक लोक-नृत्य शैली ‘लौंडा नाच’ को सांस्कृतिक पहचान एवं आजीविका का सशक्त माध्यम बनाने हेतु प्रत्येक माह दो बार टेलीविजन एवं डिजिटल माध्यमों पर इसका प्रसारण सुनिश्चित किया जाएगा।इस योजना के माध्यम से किन्नर समुदाय सहित अन्य पारंपरिक कलाकारों को सम्मानजनक मंच एवं नियमित रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य लोक कला को संरक्षित करना, समाज के उपेक्षित समुदायों — विशेषकर किन्नर समाज — को मुख्यधारा में लाना, तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक समरसता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
80. निम्न एवं मध्यम वर्गीय किसानों हेतु निःशुल्क लघु ट्रैक्टर वितरण योजना:राज्य सरकार द्वारा सीमांत, लघु एवं मध्यम वर्गीय किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों से सशक्त करने हेतु पात्र किसानों को निःशुल्क लघु ट्रैक्टर (छोटा ट्रैक्टर) प्रदान किया जाएगा। यह सुविधा कृषक पंजीकरण, भूधारण क्षमता एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।इस योजना का उद्देश्य छोटे किसानों की कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, कृषि कार्यों में यंत्रीकरण को बढ़ावा देना तथा श्रम पर निर्भरता को कम करते हुए लागत में कमी लाना है।
81. बिहार की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम का गठन:राज्य सरकार द्वारा बिहार के प्रतिभाशाली क्रिकेट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने तथा राज्य की खेल प्रतिष्ठा को सशक्त बनाने हेतु इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में बिहार की आधिकारिक टीम के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए आवश्यक प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी पहल सुनिश्चित की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य बिहार के खिलाड़ियों को पेशेवर क्रिकेट में अवसर प्रदान करना, खेल अधोसंरचना को प्रोत्साहित करना तथा राज्य की सांस्कृतिक एवं खेल पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करना है।
82. एक अंतरराष्ट्रीय एवं पाँच राष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियमों का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा खेल प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय अधोसंरचना उपलब्ध कराने तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु एक अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम तथा पाँच राष्ट्रीय स्तरीय बहुउद्देश्यीय खेल स्टेडियमों का निर्माण राज्य के विभिन्न भागों में किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, प्रतियोगिता एवं प्रदर्शन के अवसर प्रदान करना, राज्य को खेल पर्यटन से जोड़ना तथा बिहार को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर प्रतिष्ठित करना है।
83. प्रत्येक पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (लघु चिकित्सालय) की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर समुचित एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक पंचायत में एक लघु चिकित्सालय (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों में आवश्यक चिकित्सकीय स्टाफ, प्राथमिक उपचार, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ, नियमित जांच एवं औषधि वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाना, समय पर उपचार उपलब्ध कराना तथा जनस्वास्थ्य को सुदृढ़ एवं समावेशी बनाना है।
84. बंद पड़े सिनेमा घरों का पुनरुद्धार एवं नए सिनेमा हॉलों की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक मनोरंजन, स्थानीय फिल्म उद्योग के विकास एवं युवाओं के लिए रचनात्मक अवसर सृजित करने हेतु बंद पड़े सिनेमा घरों का पुनरुद्धार किया जाएगा तथा नए आधुनिक सिनेमा हॉलों की स्थापना भी की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय फिल्म एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना, युवाओं को स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध कराना, एवं फिल्म, कला और मीडिया क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करना है।
85. ‘बिहार सिनेमा यूनियन’ का गठन:राज्य सरकार द्वारा फिल्म निर्माण, वितरण, प्रदर्शन एवं तकनीकी सहयोग से जुड़े कलाकारों, तकनीशियनों एवं श्रमिकों के हितों की सुरक्षा एवं समन्वय हेतु ‘बिहार सिनेमा यूनियन’ का गठन किया जाएगा। यह यूनियन बिहार फिल्म उद्योग के विकास, नियमन एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएगा।इस पहल का उद्देश्य फिल्म एवं मनोरंजन उद्योग से जुड़े सभी वर्गों को संगठित मंच प्रदान करना, उनके अधिकारों एवं कल्याण की रक्षा करना, तथा बिहार में एक सशक्त और आत्मनिर्भर सिनेमा संस्कृति का विकास करना है।
86. न्यायिक पदाधिकारियों हेतु आवासीय सुविधा एवं सुरक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण:राज्य सरकार द्वारा न्यायिक व्यवस्था को सशक्त एवं गरिमापूर्ण बनाए रखने हेतु न्यायिक पदाधिकारियों (जजों) के लिए आधुनिक, सुरक्षित एवं सुविधायुक्त आवासीय परिसरों का निर्माण किया जाएगा।साथ ही, उनके कार्यस्थल एवं आवासीय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं तकनीकी रूप से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे वे निर्भय एवं सुरक्षित वातावरण में न्यायिक कार्यों का निष्पादन कर सकें।इस पहल का उद्देश्य न्यायिक पदाधिकारियों को सम्मानजनक कार्य एवं निवास वातावरण प्रदान करना, उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देना तथा न्याय प्रणाली की गरिमा एवं निष्पक्षता को बनाए रखना है।
87.युवाओं हेतु राज्य स्तरीय स्टार्टअप पुरस्कार योजनायुवाओं में नवाचार, आत्मनिर्भरता एवं उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार एक “स्टार्टअप पुरस्कार योजना” लागू करेगी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य यह है कि राज्य के प्रतिभाशाली एवं नवाचारी युवा अपने विचारों को व्यावसायिक और सामाजिक रूप से उपयोगी परियोजनाओं में परिवर्तित कर सकें।
88. प्रत्येक प्रखंड में किसान बाजार समिति की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, स्थानीय स्तर पर कृषि विपणन को सशक्त करने तथा बिचौलिया प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रखंड (ब्लॉक) में 'किसान बाजार समिति' का गठन किया जाएगा। यह समिति किसान उत्पादों की सीधी बिक्री, मूल्य निर्धारण, भंडारण एवं विपणन की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करेगी।इस योजना का उद्देश्य किसानों को संगठित विपणन मंच उपलब्ध कराना, कृषि उत्पादों की पारदर्शी खरीद-बिक्री सुनिश्चित करना तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
89. स्वास्थ्य विभाग में 50,000 पदों पर व्यापक नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सुदृढ़ एवं सुलभ बनाने हेतु स्वास्थ्य विभाग में कुल 50,000 रिक्त पदों पर चरणबद्ध रूप से नियुक्ति की जाएगी। इसमें चिकित्सक, नर्स, पारा-मेडिकल स्टाफ, तकनीकी कर्मचारी एवं सहायक स्वास्थ्यकर्मी शामिल होंगे।इस बहाली का उद्देश्य प्राथमिक से लेकर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों में मानव संसाधन की कमी को दूर करना, सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित करना है।
90. एम.बी.ए. एवं पी.एच.डी. योग्यताधारी अभ्यर्थियों हेतु 1,600 पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक, शैक्षणिक, तकनीकी एवं योजना निर्माण से संबंधित विभिन्न विभागों में दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एम.बी.ए. (MBA) एवं पी.एच.डी. (PhD) डिग्रीधारकों के लिए कुल 1,600 पदों पर योग्यतानुसार नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगीइस पहल का उद्देश्य राज्य के विकासात्मक कार्यों में विशेषज्ञता आधारित योगदान को बढ़ावा देना, उच्च शिक्षित युवाओं को सम्मानजनक अवसर प्रदान करना तथा शासन एवं योजना कार्यान्वयन की दक्षता को सुदृढ़ करना है।
91. राज्य सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के 1,000 पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा विभिन्न न्यायालयों एवं वैधानिक संस्थाओं में विधिक कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु 1,000 अधिवक्ताओं (Advocates) की नियुक्ति की जाएगी। ये अधिवक्ता सरकार की ओर से वाद-विवाद, परामर्श, जनहित याचिकाओं तथा प्रशासनिक कानूनी मामलों में विधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करेंगे।इस योजना का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में राज्य पक्ष की प्रभावशीलता को बढ़ाना, विधिक सेवाओं को सुदृढ़ करना तथा योग्य अधिवक्ताओं को सम्मानजनक सेवा अवसर प्रदान करना है ।
92. प्रत्येक प्रखंड में बस एवं ऑटो स्टैंड का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा सुगम, सुरक्षित एवं संगठित सार्वजनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक प्रखंड में आधुनिक बस तथा ऑटो स्टैंडों का निर्माण कराया जाएगा। इन स्टैंडों में छायादार प्रतीक्षालय, पेयजल, शौचालय, टिकट काउंटर एवं डिजिटल सूचना प्रणाली जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना, यात्रियों की सुविधा बढ़ाना तथा स्थानीय स्तर पर छोटे व्यापार एवं रोजगार को प्रोत्साहन देना है।
93. प्रत्येक प्रखंड में संगठित बस एवं ऑटो स्टैंड का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित सार्वजनिक परिवहन सेवा सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक प्रखंड में आधुनिक बस एवं ऑटो स्टैंडों का निर्माण किया जाएगा। इन स्टैंडों में यात्री प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, शौचालय, पेयजल, डिजिटल सूचना पटल एवं सुरक्षा व्यवस्था जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य आम नागरिकों को सुरक्षित, सुविधाजनक एवं सुव्यवस्थित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराना, यातायात प्रबंधन को दुरुस्त करना तथा स्थानीय व्यापार एवं रोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
94. प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर स्विमिंग पूल का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा तैराकी जैसे स्वास्थ्यवर्धक एवं प्रतिस्पर्धात्मक खेल को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर एक अत्याधुनिक स्विमिंग पूल का निर्माण कराया जाएगा। इन स्विमिंग पूलों में प्रशिक्षण, अभ्यास एवं प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु आवश्यक सुविधाएँ, प्रशिक्षक एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य खेल प्रतिभाओं को विकसित करना, युवाओं एवं बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा तैराकी को ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाना है।
95. प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर मासिक तैराकी प्रतियोगिताओं का आयोजन:राज्य सरकार द्वारा तैराकी खेल को लोकप्रिय बनाने, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान एवं प्रशिक्षण हेतु प्रत्येक माह प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर तैराकी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में सभी आयु वर्गों के प्रतिभागियों को सम्मिलित होने का अवसर दिया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य राज्य में तैराकी जैसे ओलंपिक स्तर के खेल को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के युवाओं को खेलों से जोड़ना तथा जल-खेलों में राज्य की भागीदारी और प्रदर्शन को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त बनाना है।
96. राज्य परिवहन बेड़े में 10,000 नई बसों की खरीद/निर्माण की योजना:राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को व्यापक, सुलभ एवं पर्यावरण अनुकूल बनाने हेतु 10,000 नवीन बसों की चरणबद्ध रूप से खरीद अथवा निर्माण किया जाएगा। ये बसें शहरी, ग्रामीण, अंतर-जिला तथा अंतर-राज्यीय मार्गों पर परिचालन हेतु नियोजित की जाएँगी, जिनमें आधुनिक सुविधाएँ, सुरक्षा मानक तथा दिव्यांगजन अनुकूल प्रावधान सुनिश्चित किए जाएँगे।इस योजना का उद्देश्य जनसाधारण को किफायती, सुरक्षित एवं समयबद्ध यातायात सेवा उपलब्ध कराना, निजी वाहनों पर निर्भरता कम करना तथा परिवहन क्षेत्र में रोजगार एवं हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
97. प्रत्येक पंचायत एवं प्रखंड स्तरीय चिकित्सालय हेतु एम्बुलेंस की सुविधा:राज्य सरकार द्वारा आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक पंचायत एवं प्रखंड स्तरीय चिकित्सालय को एक सुसज्जित एम्बुलेंस वाहन प्रदान किया जाएगा। इन एम्बुलेंसों में प्राथमिक उपचार किट, स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर एवं आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में आपात स्थिति में त्वरित रोगी परिवहन सुनिश्चित करना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना तथा समग्र स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक प्रभावी एवं पहुँच योग्य बनाना है।
98. उपभोक्ता संरक्षण एवं आपूर्ति विभाग में 2,000 पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ता अधिकारों की प्रभावी रक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी तथा विभागीय प्रशासनिक दक्षता को सुदृढ़ करने हेतु उपभोक्ता संरक्षण एवं आपूर्ति विभाग में कुल 2,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। नियुक्तियाँ योग्यता एवं आरक्षण नीति के अनुरूप पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएँगी।इस बहाली का उद्देश्य उपभोक्ताओं को त्वरित एवं प्रभावी सेवाएँ उपलब्ध कराना, विभागीय कार्यप्रणाली को जनोन्मुखी बनाना तथा प्रशासनिक संरचना को सशक्त करना है।
99. प्रत्येक जिला में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड के मोटर गैरेज की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक परिवहन वाहनों की नियमित मरम्मत, रख-रखाव एवं तकनीकी दक्षता सुनिश्चित करने हेतु बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (BSTDC) के अंतर्गत प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक सुसज्जित मोटर गैरेज की स्थापना की जाएगी।इन गैरेजों में आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षित तकनीकी कर्मी एवं आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे निगम की बस सेवाओं का संचालन सुरक्षित, समयबद्ध एवं कुशल रूप से किया जा सके।इस योजना का उद्देश्य परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना, बसों की सेवा अवधि बढ़ाना, सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम करना तथा सार्वजनिक संसाधनों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
100. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड में चालक वर्ग के अतिरिक्त 2,000 पदों पर नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (BSTDC) की कार्यक्षमता एवं सेवा प्रबंधन को सुदृढ़ करने हेतु चालक पदों के अतिरिक्त अन्य 2,000 तकनीकी, प्रशासनिक एवं सहायक पदों पर नियुक्ति की जाएगी।इन पदों में कंडक्टर, मैकेनिक, क्लर्क, आई.टी. सहायक, स्टेशन प्रभारी, निरीक्षक, टर्मिनल प्रबंधक आदि शामिल होंगे। नियुक्तियाँ योग्यता एवं आरक्षण नीति के अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा संपन्न की जाएँगी।इस बहाली का उद्देश्य निगम की परिचालन व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना, सेवा वितरण की गुणवत्ता बढ़ाना तथा राज्य के युवाओं को परिवहन क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
101. प्रत्येक राज्य के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड की बस सेवा प्रारंभ:राज्य सरकार द्वारा बिहार एवं अन्य राज्यों के बीच सहज, सुलभ एवं सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने हेतु बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (BSTDC) के माध्यम से प्रत्येक राज्य के लिए अंतरराज्यीय बस सेवाएँ प्रारंभ की जाएँगी।इन बस सेवाओं का संचालन नियमित, समयबद्ध एवं यात्री सुविधाओं से युक्त होगा, जिससे प्रवासी नागरिकों, छात्रों, श्रमिकों तथा पर्यटकों को लाभ मिलेगा।इस योजना का उद्देश्य बिहार को राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क से सशक्त रूप से जोड़ना, यात्रियों को किफायती एवं भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराना तथा राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक संबंधों को अन्य राज्यों के साथ सुदृढ़ करना है।
102. भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड द्वारा बस सेवा का संचालन:राज्य सरकार द्वारा पर्यटन विकास एवं यात्रियों की सुविधा हेतु भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों — जैसे अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, जगन्नाथ पुरी, वैष्णो देवी, हरिद्वार, तिरुपति, शिर्डी, मथुरा-वृंदावन आदि — के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (BSTDC) द्वारा सीधी एवं सुलभ बस सेवाओं का संचालन किया जाएगा।इन बसों में आधुनिक यात्री सुविधाएँ, सुरक्षित यात्रा व्यवस्था एवं समयबद्ध संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थलों के लिए बिहार से यात्री आवागमन को सरल बनाना, पर्यटन आधारित रोजगार को बढ़ावा देना, तथा बिहार के नागरिकों को किफायती और सम्मानजनक यात्रा सुविधा उपलब्ध कराना है।
103. आपदा राहत कोष से त्वरित मुआवजा वितरण की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा (जैसे बाढ़, सूखा, अग्निकांड, तूफान आदि) के कारण ₹2,00,000 (दो लाख रुपये) तक की हानि होने पर आपदा राहत कोष से पीड़ित व्यक्ति/परिवार को अधिकतम 10 कार्यदिवस के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।इसके लिए जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन इकाइयों को सशक्त, पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रणाली से युक्त किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य आपदा प्रभावित नागरिकों को त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान करना, उनकी आजीविका के पुनः स्थापन में सहयोग करना तथा राहत प्रक्रिया को समयबद्ध एवं जवाबदेह बनाना है।
104. बिहार में उच्च शिक्षा संस्थानों के शुल्क निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को प्राप्त होगा:राज्य सरकार द्वारा बिहार के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी उच्च शिक्षा संस्थानों (जैसे—विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षण संस्थान) में विद्यार्थियों से लिए जाने वाले शैक्षणिक शुल्क की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाएगी।यह व्यवस्था उच्च शिक्षा को सभी वर्गों के लिए सुलभ, न्यायसंगत एवं समान अवसर आधारित बनाने हेतु लागू की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर एवं मध्यमवर्गीय छात्रों को शिक्षा में प्रवेश एवं निरंतरता के अवसर प्रदान करना, अनियंत्रित शुल्क वसूली पर रोक लगाना तथा शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
105. राज्य में 200 नए महाविद्यालयों (कॉलेजों) का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा को व्यापक, सुलभ एवं गुणवत्ता-सम्पन्न बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में 200 नए महाविद्यालयों (कॉलेजों) का निर्माण किया जाएगा। यह महाविद्यालय शैक्षणिक रूप से पिछड़े एवं जनसंख्या आधारित आवश्यकता वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए स्थापित किए जाएँगे।इन संस्थानों में आधुनिक शैक्षणिक अधोसंरचना, डिजिटल कक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला एवं छात्र-छात्राओं हेतु आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य युवाओं को उनके निवास स्थान के निकट उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देना, महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करना तथा राज्य के शैक्षणिक विकास में क्षेत्रीय असमानता को दूर करना है।
106. प्रत्येक प्रखंड में डिग्री महाविद्यालय की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा को जनसामान्य तक सुलभ बनाने एवं क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने हेतु प्रत्येक प्रखंड में एक स्नातक स्तरीय डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी।इन महाविद्यालयों में कला, विज्ञान, वाणिज्य एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ पुस्तकालय, प्रयोगशाला, डिजिटल कक्षाएं एवं छात्रावास जैसी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उनके समीपवर्ती क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करना, महिला शिक्षा को प्रोत्साहन देना तथा राज्य में शैक्षणिक समरसता को सुदृढ़ करना है।
107. बिहार पुलिस बल के लिए अत्याधुनिक हथियार एवं बख्तरबंद वाहनों की आपूर्ति:राज्य सरकार द्वारा आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने एवं पुलिस बल की परिचालन क्षमता में वृद्धि हेतु बिहार पुलिस बल के लिए नवीनतम तकनीक से सुसज्जित अत्याधुनिक हथियार (Updated Arms) तथा बख्तरबंद (Bulletproof) वाहन खरीदे जाएँगे।यह संसाधन विशेष रूप से आतंकवाद-निरोध, भीड़ नियंत्रण, माओवादी गतिविधियों से निपटने तथा संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती एवं सुरक्षा संचालन के लिए प्रयुक्त किए जाएँगे।इस योजना का उद्देश्य राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और अधिक प्रभावी एवं सुरक्षित बनाना, पुलिस बल को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करना तथा नागरिकों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करना है।
108. डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स हेतु प्रोत्साहन सहायता योजना:राज्य सरकार द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (जैसे—Facebook, YouTube एवं Instagram) पर सक्रिय एवं लोकप्रिय कंटेंट क्रिएटर्स को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करने हेतु विशेष सहायता योजना लागू की जाएगी।
•जिन क्रिएटर्स के फॉलोअर्स/सब्सक्राइबर्स की संख्या 3 लाख से 10 लाख के बीच होगी, उन्हें ₹5,000 प्रति माह
•1 मिलियन (10 लाख) से अधिक फॉलोअर्स/सब्सक्राइबर्स वाले क्रिएटर्स को ₹10,000 प्रति माह की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
यह सहायता राशि राज्य के युवाओं को डिजिटल उद्यमिता, रचनात्मकता एवं स्वतंत्र रोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से दी जाएगी।इस योजना का उद्देश्य डिजिटल माध्यमों से रोजगार एवं नवाचार को बढ़ावा देना, युवाओं की प्रतिभा को मान्यता देना, तथा बिहार को रचनात्मक डिजिटल अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाना है।
109. 'दादा-दादी भारत भ्रमण योजना' के अंतर्गत वार्षिक यात्रा सहायता:राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन एवं भारत भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘दादा-दादी भारत भ्रमण योजना’ प्रारंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत पात्र वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्येक वर्ष ₹3,000 की यात्रा सहायता राशि प्रदान की जाएगी।यह सहायता राशि देश के भीतर चयनित पर्यटक स्थलों के भ्रमण हेतु परिवहन, भोजन एवं अन्य सहायक व्यय को आंशिक रूप से कवर करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से उनके बैंक खातों में दी जाएगी।इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को जीवन के उत्तरार्ध में आनंद, सम्मान एवं सांस्कृतिक जुड़ाव का अवसर देना, सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देना तथा उनकी मानसिक और भावनात्मक भलाई सुनिश्चित करना है।
110. भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूखंड प्रदान करने की योजना:राज्य सरकार द्वारा ऐसे सभी पात्र परिवारों, जिनके पास स्वयं के आवास हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है, को 600 वर्ग फुट तक का आवासीय भूखंड निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।यह भूखंड ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में चिन्हित भूमि पर आवंटित किए जाएँगे, जिससे लाभार्थी भविष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा राज्य की आवास योजनाओं के अंतर्गत घर निर्माण हेतु पात्र बन सकें।इस योजना का उद्देश्य हर व्यक्ति को आवासीय भूमि का अधिकार देना, "सबके लिए आवास" के संकल्प को साकार करना तथा समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है।
111. सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास हेतु नीति घोषणा (प्रारूप):
1.राज्य में हमारी सरकार के गठन के उपरांत बिहार सहित समग्र भारतवर्ष में वर्ग-आधारित समग्र सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराई जाएगी, जिसमें सभी वर्गों की जनसंख्या, आर्थिक स्थिति, शैक्षणिक स्तर एवं प्रतिनिधित्व का समावेश किया जाएगा।
2.अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अति पिछड़ा वर्ग (EBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) एवं अन्य वंचित एवं हाशिए पर स्थित समुदायों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में अवसर एवं संवैधानिक अधिकारों की सुनिश्चित भागीदारी दी जाएगी।
3.यह पहल सामाजिक न्याय, समावेशी विकास एवं समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक एवं ठोस कदम होगी, जो सामाजिक असमानताओं को समाप्त कर समाज में समरसता एवं सहभागिता को स्थापित करेगी।
112. प्रत्येक जिले में स्केटिंग पिच का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा युवाओं एवं विद्यार्थियों को विविध खेलों से जोड़ने तथा आधुनिक खेल अधोसंरचना उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक अत्याधुनिक स्केटिंग पिच (Skating Pitch) का निर्माण किया जाएगा।इन स्केटिंग पिचों का उपयोग अभ्यास, प्रशिक्षण तथा जिला एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु किया जाएगा। प्रशिक्षकों एवं आवश्यक सुरक्षा संसाधनों की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य स्केटिंग जैसे उभरते हुए खेलों को प्रोत्साहित करना, युवाओं को स्वस्थ एवं अनुशासित जीवन शैली के प्रति प्रेरित करना, तथा राज्य की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने का अवसर प्रदान करना है।
113. प्रत्येक जिले में आधुनिक रेसिंग ट्रैक का निर्माण:राज्य सरकार द्वारा एथलेटिक्स एवं दौड़ से संबंधित खेलों को प्रोत्साहित करने तथा खिलाड़ियों को आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक जिले में एक आधुनिक एवं मानक युक्त रेसिंग ट्रैक (Racing Track) का निर्माण कराया जाएगा।इन ट्रैकों पर जिला, मंडल एवं राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर, अभ्यास सत्र एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, प्रशिक्षकों एवं एथलेटिक्स उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य एथलेटिक्स खेलों की आधारभूत संरचना को मजबूत करना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान करना, तथा राज्य की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाना है।
114. किसानों हेतु विद्युत आपूर्ति से संबंधित अधूरे कार्यों को 1.5 वर्ष में पूर्ण किया जाएगा:राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार में किसानों को समर्पित विद्युत आपूर्ति तंत्र से संबंधित जो भी लगभग 70% कार्य अभी तक अपूर्ण हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर 1.5 वर्ष की अवधि में पूर्ण कर लिया जाएगा।इस योजना के अंतर्गत कृषि पंपों, सिंचाई व्यवस्था एवं कृषि आधारित अन्य विद्युत आवश्यकताओं को पूर्णतः क्रियाशील एवं सुगम बनाने हेतु आवश्यक अधोसंरचना, ट्रांसफॉर्मर, लाइन विस्तार एवं कनेक्शन वितरण का कार्य तेज़ गति से संपन्न किया जाएगा।इस पहल का उद्देश्य किसानों को निर्बाध एवं किफायती विद्युत सुविधा उपलब्ध कराना, सिंचाई लागत को कम करना, कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना है ।
115. विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने तथा छात्रों को 21वीं सदी के तकनीकी कौशल से सुसज्जित करने के उद्देश्य से राज्य के विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।यह नियुक्ति प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में चरणबद्ध रूप से की जाएगी, ताकि प्रत्येक विद्यालय में नियमित रूप से कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जा सके।इस योजना का उद्देश्य डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप छात्रों को शिक्षित करना, आईटी क्षेत्र में करियर की तैयारी को मजबूत करना, तथा राज्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना है: ।
116. 2400 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का निर्माण कार्य 6 माह में प्रारंभ किया जाएगा:राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा आत्मनिर्भरता एवं औद्योगिक विकास को सुदृढ़ करने हेतु 2400 मेगावाट क्षमता वाले एक नवीन थर्मल पावर प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव केंद्र सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर हमारी सरकार के गठन के 6 माह के भीतर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।इस परियोजना के माध्यम से राज्य में स्थायी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जो घरेलू, कृषि, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं की दीर्घकालिक आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी।इस परियोजना का उद्देश्य बिहार को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना, औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना तथा राज्य की विकासात्मक गति को ऊर्जा सुरक्षा के माध्यम से सुदृढ़ करना है।
117. प्रत्येक शहर हेतु वैज्ञानिक जल निकासी (Water Drainage) प्रणाली का विकास:राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या के स्थायी समाधान, स्वच्छता एवं नागरिक सुविधा के दृष्टिकोण से प्रत्येक शहर हेतु एक आधुनिक, वैज्ञानिक एवं समन्वित जल निकासी प्रणाली (Water Drainage System) तैयार की जाएगी।इस प्रणाली में वर्षा जल प्रबंधन, सीवरेज लाइन, भूमिगत जल संरक्षण, एवं जल पुनः उपयोग की व्यवस्थ सम्मिलित होगी, जिससे शहरी जीवन को स्वच्छ, सुरक्षित एवं टिकाऊ बनाया जा सके।इस योजना का उद्देश्य नगरों में जलजमाव, गंदगी एवं बीमारियों की समस्या का समाधान करना, शहरी अधोसंरचना को जलवायु अनुकूल बनाना तथा नागरिकों को एक स्वच्छ एवं व्यवस्थित जीवन पर्यावरण प्रदान करना है।
118. किसानों की स्वेच्छा के आधार पर चकबंदी (भूमि पुनर्गठन) की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा भूमि सुधार प्रक्रिया को न्यायपूर्ण, पारदर्शी एवं किसान हितैषी बनाने हेतु चकबंदी (Land Consolidation) की प्रक्रिया को पूर्णतः किसानों की स्वेच्छा पर आधारित बनाया जाएगा।किसानों की सहमति के बिना किसी भी प्रकार की चकबंदी लागू नहीं की जाएगी, तथा जो किसान इस योजना में भाग लेना चाहें, उन्हें भूमि समेकन, सीमांकन, और अभिलेख अद्यतन की सुविधा सरल एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य किसानों के भूमि उपयोग को अधिक प्रभावी बनाना, बंटवारे से उत्पन्न विवादों को कम करना, कृषि कार्य को सुगम बनाना एवं कृषकों को उनकी भूमि पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शी अधिकार देना है।
119. प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तरीय मासिक कवि सम्मेलनों का आयोजन:राज्य सरकार द्वारा साहित्य, भाषा एवं काव्य परंपरा के संरक्षण और विस्तार हेतु प्रत्येक माह प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर कवि सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।इन सम्मेलनों में स्थानीय, क्षेत्रीय एवं प्रतिष्ठित कवियों को आमंत्रित कर काव्य पाठ, भाषा विमर्श तथा सांस्कृतिक संवाद को मंच प्रदान किया जाएगा, जिससे साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहन एवं समाज में रचनात्मक चेतना का विकास सुनिश्चित हो सके।इस योजना का उद्देश्य लोकभाषाओं, हिंदी साहित्य एवं काव्य परंपरा को जीवंत रखना, युवाओं को साहित्य से जोड़ना तथा बिहार की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाना है।
120. राज्यभर में यात्री प्रतीक्षालय (यात्री शेड) का निर्माण:**राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की सुविधा, विश्राम एवं सुरक्षित ठहराव को ध्यान में रखते हुए बिहार के सभी प्रमुख स्थलों, बस स्टॉप, चौक-चौराहों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सुव्यवस्थित यात्री प्रतीक्षालयों (यात्री शेड) का निर्माण किया जाएगा।इन प्रतीक्षालयों में छायादार संरचना, बैठने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं रोशनी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को मौसम एवं भीड़-भाड़ की परिस्थितियों में सुरक्षित एवं आरामदायक प्रतीक्षा स्थल उपलब्ध कराना, सार्वजनिक स्थलों पर व्यवस्था एवं स्वच्छता सुनिश्चित करना, तथा नागरिकों को सम्मानजनक परिवहन अनुभव प्रदान करना है।
121. राज्य भर में ट्रैफिक पुलिस बूथ एवं शेड का निर्माण:**राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा, यातायात नियंत्रण एवं पुलिसकर्मियों की कार्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरे बिहार में प्रमुख चौराहों, व्यस्त सड़कों एवं यातायात संवेदनशील क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस बूथ तथा शेड का निर्माण किया जाएगा।इन शेडों में पुलिसकर्मियों के लिए छायादार आवरण, आवश्यक उपकरण, प्रकाश व्यवस्था एवं संचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे प्रतिकूल मौसम एवं भीड़-भाड़ की स्थितियों में भी प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।इस योजना का उद्देश्य यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना, ट्रैफिक पुलिस को संरक्षित एवं सुविधाजनक कार्य वातावरण प्रदान करना, तथा सड़क सुरक्षा एवं अनुशासन को बढ़ावा देना है।
122. "समाज विकास व्यक्ति सम्मान योजना" के अंतर्गत भूमि दाताओं को राज्य सम्मान:राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यदि कोई नागरिक सरकारी कार्यों, जनहित परियोजनाओं अथवा सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना हेतु स्वेच्छा से अपनी भूमि का दान करता है, तो उन्हें "समाज विकास व्यक्ति सम्मान योजना" के अंतर्गत औपचारिक रूप से राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया जाएगा।इस सम्मान में प्रशस्ति पत्र, सार्वजनिक मंच पर सम्मान समारोह तथा उनके नाम पर विद्यालय/संस्थान अथवा स्थल का नामकरण शामिल किया जा सकता है।इस योजना का उद्देश्य जनहित के लिए भूमि दान करने वाले नागरिकों के योगदान को सामाजिक एवं शासकीय स्तर पर मान्यता देना, परोपकार की भावना को प्रोत्साहित करना तथा नागरिक सहभागिता को संस्थागत स्वरूप प्रदान करना है।
123. प्रत्येक प्रखंड में व्यावसायिक पार्क की स्थापना:
**राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उद्योग, स्टार्टअप, सेवा क्षेत्र एवं लघु उद्यमों को प्रोत्साहन देने हेतु प्रत्येक प्रखंड में एक सुसज्जित एवं योजनाबद्ध व्यावसायिक पार्क (Commercial Park) की स्थापना की जाएगी।इन पार्कों में दुकानें, कार्यालय परिसर, गोदाम, प्रशिक्षण केंद्र, स्टार्टअप ज़ोन, विद्युत, जल, इंटरनेट तथा परिवहन की आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी, जिससे स्थानीय व्यापार को सशक्त आधार मिल सके। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देना, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना, महिला एवं पारंपरिक व्यापारियों को मंच देना तथा क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है।
124. प्रत्येक पंचायत में लघु उद्यमियों हेतु व्यावसायिक पार्क की स्थापना:**राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहित करने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा स्थानीय उत्पादन एवं विपणन को सशक्त बनाने हेतु प्रत्येक पंचायत में लघु उद्यमियों के लिए एक विशेष व्यावसायिक पार्क (Small Entrepreneur Commercial Park) की स्थापना की जाएगी।इन पार्कों में स्टॉल/दुकानें, कार्यशालाएँ, भंडारण कक्ष, डिजिटल सेवाएँ, विद्युत व जल आपूर्ति, प्रशिक्षण सुविधा एवं विपणन सहायता की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को सशक्त बनाना, युवाओं, महिलाओं एवं पारंपरिक कारीगरों को व्यापारिक मंच उपलब्ध कराना, तथा आत्मनिर्भर ग्राम-आधारित आर्थिक ढाँचे का निर्माण करना है।
125. 'ग्राम उद्यमी योजना' के अंतर्गत प्रत्येक राजस्व ग्राम में व्यावसायिक भवन की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास एवं आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु 'ग्राम उद्यमी योजना' प्रारंभ की जाएगी, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राजस्व ग्राम में एक व्यावसायिक भवन का निर्माण किया जाएगा।**जहाँ भूमि की उपलब्धता नहीं होगी, वहाँ आवश्यकता अनुसार उपयुक्त भवन किराए पर लेकर स्थानीय युवाओं, महिलाओं एवं कारीगरों को व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु सुविधा एवं सहायता प्रदान की जाएगी। योजना में प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग एवं विपणन सहायता भी सम्मिलित रहेगी।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को उनके गांव में ही स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना, पलायन को रोकना, पारंपरिक एवं नवाचार आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देना तथा आत्मनिर्भर ग्राम-आधारित आर्थिक तंत्र का निर्माण करना है।
126. पूर्ववर्ती योजनाओं की समीक्षा, सुधार एवं आवश्यकतानुसार निरस्तीकरण की नीति:**राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा लागू की गई जनहितकारी एवं प्रभावशाली योजनाएँ यथावत जारी रखी जाएँगी।उन योजनाओं में जहाँ व्यवस्थागत त्रुटियाँ या कार्यान्वयन संबंधी कमियाँ पाई जाएँगी, उन्हें उचित सुधारात्मक उपायों के माध्यम से दुरुस्त किया जाएगा।वहीं, ऐसी योजनाएँ जो जनसामान्य के हित में प्रभावकारी नहीं पाई जाएँगी अथवा जिनका प्रत्यक्ष लाभ जनता तक नहीं पहुँच रहा है, उन्हें परामर्श, मूल्यांकन एवं समीक्षा के उपरांत निरस्त किय जाएगा इस नीति का उद्देश्य राज्य प्रशासन में नीति-निरंतरता, सुशासन, पारदर्शिता एवं जनहित को प्राथमिकता देना है, ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके और प्रत्येक योजना का लाभ लक्षित समुदाय तक प्रभावी ढंग से पहुँच सके ।
127. बिहार पुलिस में 5,000 उप-निरीक्षक (Sub-Inspector) पदों पर भर्ती:राज्य सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने, पुलिस बल में मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा योग्य युवाओं को सेवा का अवसर प्रदान करने हेतु बिहार पुलिस बल में कुल 5,000 उप-निरीक्षक (Sub-Inspector) पदों पर भर्ती की जाएगी।यह नियुक्ति पारदर्शी, आरक्षण नीति के अनुरूप एवं योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी।इस भर्ती का उद्देश्य राज्य में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, पुलिस बल की संचालन क्षमता को बढ़ाना एवं शिक्षित युवाओं को प्रतिष्ठित सरकारी सेवा से जोड़ना है।
128. ‘विद्यार्थी भारत भ्रमण योजना’ का क्रियान्वयन:**राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विविधता की समझ और व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने हेतु ‘विद्यार्थी भारत भ्रमण योजना’ लागू की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 1 से लेकर उच्च शिक्षा (कॉलेज स्तर) तक के सभी विद्यार्थियों को भारत भ्रमण हेतु वार्षिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो उनके विद्यार्थी कार्ड में डीबीटी (DBT) के माध्यम से निर्गत की जाएगी।
वित्तीय सहायता का वर्गीकरण निम्नानुसार होगा:
•कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को — ₹2,200 प्रति वर्ष
•कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को — ₹2,600 प्रति वर्ष
•उच्च शिक्षा (कॉलेज/विश्वविद्यालय) एवं 32 वर्ष की आयु तक के पंजीकृत विद्यार्थियों को — ₹3,000 प्रति वर्ष
इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को देश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं भौगोलिक स्थलों से जोड़ना, उनकी सोच को व्यापक बनाना, शैक्षणिक भ्रमण को प्रोत्साहित करना एवं राष्ट्रीय समरसता को सुदृढ़ करना है।
129. प्रत्येक सरकारी विद्यालय में सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति:राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं अनुशासित बनाने हेतु बिहार के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में एक सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति की जाएगी।इन गार्डों की तैनाती विद्यालय की संपत्ति, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं शैक्षणिक वातावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु की जाएगी। आवश्यकतानुसार विद्यालयों में शिफ्ट के आधार पर या महिला विद्यालयों में महिला गार्ड की भी व्यवस्था की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य विद्यालय परिसरों को सुरक्षित बनाना, बाह्य हस्तक्षेप को रोकना, छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा शिक्षा के लिए एक अनुशासित एवं भरोसेमंद वातावरण तैयार करना है।
130. बिहार के सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना:**राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने, डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहित करने एवं आधुनिक शैक्षणिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से कंप्यूटर प्रयोगशालाओं (Computer Labs) की स्थापना की जाएगी।इन प्रयोगशालाओं में आधुनिक कंप्यूटर सिस्टम, इंटरनेट कनेक्टिविटी, प्रोजेक्टर, तकनीकी सहायक एवं प्रशिक्षित कंप्यूटर शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही सूचना प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक ज्ञान देना, शिक्षा प्रणाली को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना, तथा रोजगारोन्मुखी कौशल के विकास को बढ़ावा देना है।
131. प्रत्येक पंचायत में दो श्मशान घाटों का निर्माण एवं परिबंध (बाउंड्री वॉल) की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मानजनक एवं व्यवस्थित अंतिम संस्कार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु बिहार की प्रत्येक पंचायत में दो श्मशान घाटों का निर्माण कराया जाएगा।इन श्मशान स्थलों पर आवश्यक अधोसंरचना — जैसे बाउंड्री वॉल, पेवर ब्लॉक, प्रतीक्षालय, जल की व्यवस्था, प्रकाश एवं शेड आदि — की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया गरिमापूर्ण एवं सुरक्षित वातावरण में संपन्न हो सके।इस योजना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को अंतिम संस्कार हेतु सम्मानजनक स्थान प्रदान करना, श्मशान स्थलों पर अव्यवस्था एवं विवाद की स्थिति को समाप्त करना तथा ग्राम्य जीवन में सामाजिक-सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रखना है।
132. आरा मिल (आरा मशीन) के लिए अनुज्ञापत्र निर्गमन की त्वरित व्यवस्था:**राज्य सरकार द्वारा लघु एवं ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहित करने तथा पारंपरिक काष्ठ-शिल्प व्यवसाय को सुदृढ़ करने हेतु सरकार के गठन के उपरांत एक माह की अवधि के भीतर आरा मिल (आरा मशीन) संचालन हेतु आवश्यक अनुज्ञापत्र (लाइसेंस) निर्गत किए जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी।यह प्रक्रिया सरल, पारदर्शी एवं ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी, ताकि संबंधित उद्यमियों को अनावश्यक विलंब एवं जटिलताओं से मुक्ति मिले।इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देना, स्वरोजगार को बढ़ावा देना, वन आधारित उद्योगों को नियामक ढाँचे के अंतर्गत लाना तथा पारंपरिक व्यवसायों के संचालन में सहूलियत प्रदान करना है।
133. राज्य में पाँच नवीन हवाई अड्डों के निर्माण हेतु प्रस्ताव एवं केंद्र सरकार को अनुरोध:राज्य सरकार द्वारा बिहार में वायु परिवहन अधोसंरचना के समग्र विकास, औद्योगिक विस्तार, पर्यटन प्रोत्साहन तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से कुल पाँच नवीन हवाई अड्डों के निर्माण की योजना प्रस्तावित की गई है।
इस योजना के अंतर्गत:
•1 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport)
•2राष्ट्रीय/आंतरराज्यीय हवाई अड्डे (Domestic/National Airports)
•2 सैन्य उपयोग हेतु एयरबेस (Army Airbases)
इन पाँचों हवाई अड्डों के निर्माण के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को आवश्यक स्वीकृति एवं सहयोग प्रदान करने हेतु औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत करेगी।इस परियोजना का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय वायु नेटवर्क से जोड़ना, रणनीतिक दृष्टिकोण से सामरिक क्षमता को सुदृढ़ करना, आपातकालीन सेवाओं की तत्परता बढ़ाना, और बिहार में व्यापार, पर्यटन एवं निवेश को गति देना है।
134. मनरेगा श्रमिकों के दैनिक पारिश्रमिक में वृद्धि:राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत मनरेगा श्रमिकों (MGNREGA Workers) के जीवन स्तर में सुधार एवं श्रम का सम्मान सुनिश्चित करने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत कार्य कर रहे श्रमिकों के दैनिक पारिश्रमिक (Daily Wage) में यथोचित वृद्धि की जाएगी।यह वृद्धि श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी मानकों के अनुरूप राज्य स्तर पर अतिरिक्त सहयोग के माध्यम से लागू की जाएगी।इस निर्णय का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को पर्याप्त एवं सम्मानजनक मजदूरी प्रदान करना, श्रमिकों की क्रय शक्ति बढ़ाना, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
135. मनरेगा श्रमिकों के दैनिक पारिश्रमिक में वृद्धि की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत कार्यरत श्रमिकों को उनकी मेहनत एवं जीवन-यापन की आवश्यकताओं के अनुरूप दैनिक भत्ते (पारिश्रमिक) में वृद्धि प्रदान की जाएगी।यह संशोधित दर राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से समन्वय करते हुए निर्धारित की जाएगी, जिससे श्रमिकों को उचित मजदूरी, सामाजिक सम्मान और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।इस निर्णय का उद्देश्य ग्रामीण श्रमिकों को उनकी मेहनत का यथोचित पारिश्रमिक देना, कार्य के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाना, और मनरेगा के तहत रोजगार की गुणवत्ता एवं प्रभावशीलता में वृद्धि करना है।
136. विद्यालयों एवं सार्वजनिक संस्थानों में कार्यरत रसोइयों के वेतन में वृद्धि:राज्य सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) एवं अन्य सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत कार्यरत रसोइयों के मानदेय/वेतन में यथोचित वृद्धि की जाएगी।यह निर्णय उनकी सेवा, श्रम, एवं भोजन व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने हेतु लिया जाएगा, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके एवं सेवा के प्रति सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।इस पहल का उद्देश्य रसोइयों को उनके कार्य का उपयुक्त पारिश्रमिक देना, उनके जीवन-स्तर में सुधार लाना, तथा योजनाओं की गुणवत्ता एवं सेवा भाव को और अधिक प्रभावी बनाना है।
137. उच्च शिक्षा शुल्क में 50% की कटौती की नीति (राज्य एवं केंद्र स्तर पर):यदि राज्य एवं केंद्र दोनों स्तरों पर हमारी सरकार का गठन होता है, तो देशभर सहित बिहार राज्य के शासकीय एवं सहायता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों से लिए जाने वाले शैक्षणिक शुल्क में 50% तक की कटौती की जाएगी।यह नीति स्नातक, परास्नातक, तकनीकी, व्यावसायिक एवं शोध स्तर की समस्त पाठ्यक्रमों पर लागू होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर एवं मध्यमवर्गीय छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा हो।इस निर्णय का उद्देश्य उच्च शिक्षा को आर्थिक दृष्टि से सुलभ बनाना, सामाजिक न्याय के सिद्धांत को लागू करना, तथा युवाओं को उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार उच्चतर अध्ययन का अवसर प्रदान करना है।
138. राज्य में 250 'पैड-अप कॉलेज' की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा युवाओं को तकनीकी, व्यावसायिक एवं डिजिटल कौशल से सुसज्जित करने तथा उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने हेतु राज्यभर में 250 ‘पैड-अप कॉलेज’ (Pad-Up Colleges) की स्थापना की जाएगी।इन संस्थानों में डिजिटल उपकरणों, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, उच्चगुणवत्ता युक्त इंटरनेट, एवं विषय विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके।इस योजना का उद्देश्य छात्रों को तकनीकी दक्षता, डिजिटल साक्षरता एवं नवाचार आधारित शिक्षा प्रदान करना, रोजगार क्षमता को बढ़ाना तथा बिहार को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।
139. B.Ed शिक्षा सुलभता हेतु निजी महाविद्यालयों के सरकारीकरण पर विचार:राज्य सरकार द्वारा उन जिलों में, जहाँ अभी तक कोई सरकारी B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) महाविद्यालय उपलब्ध नहीं है, वहाँ निजी B.Ed महाविद्यालयों को आवश्यक मूल्यांकन एवं नियमानुसार अधिग्रहण या सरकारीकरण करने पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।
यह पहल शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय असमानता को दूर करने, प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ाने तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षक निर्माण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य सभी जिलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण को उपलब्ध कराना, योग्य शिक्षकों की संख्या में वृद्धि करना, तथा राज्य में समग्र शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना है।
140. उद्योग कर में विशेष रियायत की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा राज्य में रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु उद्योग कर (Industrial Tax) में विशेष रियायत/छूट प्रदान की जाएगी।यह छूट विशेष रूप से नव स्थापित, लघु, मध्यम, महिला, युवा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए निर्धारित की जाएगी, ताकि उद्योग जगत को अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।इस नीति का उद्देश्य निवेशकों का विश्वास बढ़ाना, राज्य में उद्योग अनुकूल वातावरण तैयार करना, उत्पादन क्षेत्र का विस्तार करना तथा स्थानीय स्तर पर अधिकाधिक रोजगार सृजन को सुनिश्चित करना है।
141. शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में जनसंख्यात्मक प्रतिनिधित्व आधारित अधिकारों की पुनर्स्थापना का संकल्प:महोदय, हम 21वीं सदी के भारत में एक समतामूलक, न्यायपूर्ण एवं लोकतांत्रिक समाज की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। परंतु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा क्षेत्र में 70% से अधिक, स्वास्थ्य क्षेत्र में 85% से अधिक, तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी देश की बहुसंख्यक जनता को उनके जनसंख्यात्मक अनुपात के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व और अधिकार अब तक प्राप्त नहीं हो सका है।हमारी सरकार इस असमानता को समाप्त करने एवं प्रत्येक नागरिक को उसकी संख्या के अनुपात में संवैधानिक अधिकार, प्रतिनिधित्व एवं भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी नीतियाँ लागू करेगी। यह सामाजिक न्याय, समान अवसर एवं समावेशी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण होगा।इस नीति का मूल उद्देश्य यह है कि लोकतंत्र में प्रत्येक वर्ग को उसकी वास्तविक जनसंख्या के अनुरूप भागीदारी मिले, ताकि शासन व्यवस्था में संतुलन, उत्तरदायित्व और समानता की भावना स्थापित की जा सके।
142. राज्य में पशुधन बीमा योजना का विस्तार:राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के आर्थिक हितों की सुरक्षा एवं पशुधन संरक्षण हेतु पशुओं के लिए व्यापक बीमा सुविधा (Livestock Insurance) प्रदान की जाएगी।यह योजना गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, मुर्गी आदि उपयोगी पशुओं को शामिल करते हुए लागू की जाएगी, जिससे प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, रोग या अन्य कारणों से होने वाली पशु हानि की स्थिति में पशुपालकों को आर्थिक मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके। बीमा प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को सुरक्षा प्रदान करना, पशुपालकों में भरोसा एवं प्रोत्साहन बढ़ाना, तथा पशुधन आधारित अर्थव्यवस्था को स्थायित्व एवं मजबूती प्रदान करना है।
143. पशु चिकित्सा सेवाओं हेतु चरणबद्ध पशु एम्बुलेंस व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा पशुओं की आपातकालीन चिकित्सा सेवा को सुलभ एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रखंड (ब्लॉक) में एक समर्पित पशु एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।यदि भविष्य में पंचायत स्तर पर पशु चिकित्सा आवश्यकताओं की आवृत्ति एवं गंभीरता में वृद्धि पाई जाती है, तो संबंधित पंचायतों को भी पशु एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक एम्बुलेंस में प्रशिक्षित स्टाफ, प्राथमिक उपचार किट, संचार व्यवस्था एवं तत्काल परिवहन की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य पशुओं को समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना, दुग्ध उत्पादन एवं पशुधन स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाना, तथा ग्रामीण पशुपालकों को बेहतर पशुसेवा प्रणाली प्रदान करना है।
144. प्रत्येक प्रखंड में अग्नि शमन केंद्र की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा अग्नि दुर्घटनाओं की त्वरित रोकथाम, नियंत्रण एवं जन-धन की रक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक प्रखंड में एक आधुनिक अग्नि शमन केंद्र (Fire Station) की स्थापना की जाएगी।इन केंद्रों में आवश्यक अग्निशमन वाहनों, उपकरणों, प्रशिक्षित कर्मियों, संचार व्यवस्था तथा जलापूर्ति प्रणाली की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी, जिससे ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आपात स्थितियों से शीघ्रता एवं दक्षता के साथ निपटा जा सके।इस पहल का उद्देश्य अग्निकांड जैसी आपदाओं में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना, जनहानि एवं संपत्ति के नुकसान को न्यूनतम करना, तथा राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ एवं विकेंद्रित बनाना है।
145. 50,000 बैटरी चालित रिक्शा एवं ठेलों का वितरण:राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने एवं शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से 50,000 बैटरी चालित रिक्शा एवं बैटरी चालित ठेलों का वितरण किया जाएगा।यह योजना प्राथमिक रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं एवं पारंपरिक ठेला/रिक्शा चालकों को लक्षित करेगी, जिससे उन्हें आजीविका के लिए स्थायी एवं सम्मानजनक साधन उपलब्ध कराया जा सके।सरकार द्वारा इन वाहनों की आंशिक या पूर्ण अनुदान सहायता तथा पंजीकरण एवं प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना, शहरी एवं ग्रामीण परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना, तथा गरीब एवं श्रमिक वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनाते हुए सतत आजीविका के साधन प्रदान करना है।
146. आपदा प्रबंधन विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी:**राज्य सरकार द्वारा आपातकालीन स्थितियों में त्वरित, प्रभावी एवं संगठित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग में विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।यह नियुक्ति तकनीकी विशेषज्ञों, राहत कर्मियों, योजना अधिकारियों, भंडारण सहायक, प्रशिक्षण समन्वयक आदि पदों के लिए योग्यता, अनुभव एवं आरक्षण नीति के अनुरूप पारदर्शी तरीके से की जाएगी।इस भर्ती का उद्देश्य राज्य की आपदा प्रबंधन संरचना को मानव संसाधन से सशक्त करना, आपदाओं के पूर्व-प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों को दक्षता के साथ निष्पादित करना तथा नागरिकों को सुरक्षित एवं संरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
147. प्रत्येक प्रखंड के लिए अग्निशमन वाहन (फायर ब्रिगेड) की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा अग्नि सुरक्षा एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने हेतु प्रत्येक प्रखंड में एक अग्निशमन वाहन (Fire Brigade Vehicle) की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।इन वाहनों की खरीद अत्याधुनिक उपकरणों, जल आपूर्ति प्रणाली एवं संचार तकनीक से युक्त होगी, जिससे किसी भी प्रकार की अग्निकांड या आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा सेवाओं को विकेंद्रीकृत करना, जन-धन की हानि को न्यूनतम करना तथा राज्य के प्रत्येक नागरिक को आपातकालीन स्थितियों में शीघ्र सहायता उपलब्ध कराना है।
148. प्रत्येक जिले में 'वार मेमोरियल हॉल' एवं 'स्मार्ट इतिहास केंद्र' की स्थापना:**राज्य सरकार द्वारा राष्ट्र की रक्षा में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के बलिदान को स्मरणीय बनाने एवं नागरिकों, विशेषकर विद्यार्थियों में ऐतिहासिक चेतना जागृत करने हेतु प्रत्येक जिले में एक 'वार मेमोरियल हॉल' (War Memorial Hall) तथा एक 'स्मार्ट इतिहास केंद्र' (Smart History Centre) की स्थापना की जाएगी।वार मेमोरियल हॉल में शहीद सैनिकों की जीवनी, वीरता की कहानियाँ, चित्र प्रदर्शनी, तथा सम्मान दीर्घा शामिल होगी, जबकि स्मार्ट इतिहास केंद्र में राज्य एवं राष्ट्र के समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक घटनाक्रमों को डिजिटल तकनीक एवं इंटरैक्टिव माध्यमों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रभक्ति, ऐतिहासिक बोध एवं सामाजिक चेतना को सशक्त करना, युवाओं में प्रेरणा एवं गौरव की भावना उत्पन्न करना, तथा शहीदों के योगदान को ससम्मान संरक्षित एवं प्रसारित करना है
149. राजधानी में 'वार मेमोरियल हॉल' एवं 'स्मार्ट इतिहास केंद्र' की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा राजधानी पटना में एक केन्द्रीय 'वार मेमोरियल हॉल' (War Memorial Hall) तथा एक 'स्मार्ट इतिहास केंद्र' (Smart History Centre) की स्थापना की जाएगी, जो राज्य स्तर पर शहीदों की स्मृति एवं बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास का प्रतिनिधि केंद्र होगा।यह परिसर आधुनिक वास्तुकला, डिजिटल तकनीक, संग्रहालयीय प्रदर्शनी, इंटरएक्टिव शैक्षणिक साधनों एवं श्रद्धांजलि दीर्घा से युक्त होगा, जिसमें बिहार एवं भारत के वीर सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों एवं ऐतिहासिक घटनाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य राजधानी स्तर पर राष्ट्रीय गौरव, सैन्य बलिदान एवं ऐतिहासिक बोध के स्थायी केंद्र का निर्माण करना है, ताकि नागरिक विशेषकर युवापीढ़ी प्रेरणा प्राप्त कर सकें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय सहभागिता हेतु प्रेरित हों।
150. सभी विषयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान क्षमताओं एवं संकाय संसाधनों को सुदृढ़ करने हेतु सभी विषयों में प्रोफेसरों (Professors) के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी।यह नियुक्ति विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कला, विज्ञान, वाणिज्य, तकनीकी, चिकित्सा, विधि, शिक्षा एवं अन्य व्यावसायिक विषयों सहित समस्त संकायों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एवं राज्य सेवा नियमावली के अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया के तहत संपन्न की जाएगी । इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करना, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहन देना, तथा विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञता आधारित मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है।
151. सर्किट हाउसों का निर्माण किया जाएगा:**राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा शासकीय अतिथियों के ठहराव हेतु आवश्यक अधोसंरचना सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न अनुमंडलों, जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त सर्किट हाउसों (Circuit Houses) का निर्माण कराया जाएगा।इन सर्किट हाउसों में सुरक्षित एवं सुसज्जित आवासीय कक्ष, सम्मेलन कक्ष, भोजनालय, संचार सुविधा, एवं हरित ऊर्जा आधारित संरचना सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों की दक्षता को बढ़ाना, शासकीय आगंतुकों हेतु सम्मानजनक एवं सुविधाजनक आवास की व्यवस्था करना तथा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक उपस्थिति को सुगम बनाना है।
152. ‘विभाग पारदर्शिता योजना’ के अंतर्गत डिजिटल सूचना बोर्ड की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही एवं जनसामान्य की सूचना तक सहज पहुँच सुनिश्चित करने हेतु ‘विभाग पारदर्शिता योजना’ प्रारंभ की जाएगी, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिला एवं राज्य स्तर के शासकीय कार्यालयों/विभागों के बाहर डिजिटल सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे।इन डिजिटल बोर्डों पर निम्नलिखित सूचनाएँ अद्यतन रूप से प्रदर्शित की जाएँगी:
•विभागीय राजस्व (आय) एवं व्यय की जानकारी
•विभाग द्वारा प्राप्त कार्यों, परियोजनाओं एवं उनकी प्रगति का विवरण
•कार्यालय में उपस्थित एवं अवकाश पर रहने वाले कर्मियों की दैनिक स्थिति
•जनता हेतु आवश्यक सम्पर्क सूत्र एवं सेवा विवरण
यह संपूर्ण प्रणाली डिजिटल ऑटोमेशन एवं समय-समय पर सत्यापन की प्रक्रिया से संचालित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा देना, नागरिकों को विभागीय जानकारी तक वास्तविक समय में पहुँच देना, प्रशासनिक उत्तरदायित्व को मजबूत करना, तथा भ्रष्ट्राचार पर अंकुश लगाना है।
153. बायोगैस किट के निर्माण एवं वितरण की योजना:राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हरित ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने, जैविक अपशिष्टों के सतत उपयोग तथा रसोई गैस पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से बायोगैस किटों के निर्माण एवं चरणबद्ध वितरण की योजना लागू की जाएगी।इन किटों का निर्माण स्थानीय संसाधनों के माध्यम से किया जाएगा तथा चयनित लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण एवं स्थापना सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह योजना विशेष रूप से किसानों, दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा को बढ़ावा देना, पर्यावरणीय संरक्षण सुनिश्चित करना, ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाना तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्थायी ऊर्जा विकल्प प्रदान करना है।
154. वर्मी कम्पोस्ट एवं बायोगैस के उत्पादन एवं विपणन पर प्रोत्साहन राशि:राज्य सरकार द्वारा जैविक कृषि, स्वच्छ ऊर्जा तथा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु वर्मी कम्पोस्ट एवं बायोगैस के उत्पादन, खरीद एवं बिक्री पर ₹2 प्रति किलोग्राम की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।यह प्रोत्साहन राशि पंजीकृत उत्पादकों, सहकारी समितियों, कृषक समूहों एवं बायोगैस संयंत्रों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के माध्यम से प्रदान की जाएगी, जिससे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा मिले एवं कृषकों की आय में वृद्धि हो।इस योजना का उद्देश्य जैविक खाद एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करना, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करना, ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना तथा सतत कृषि और ऊर्जा नीति को सशक्त बनाना है।यदि आप इसके आगे समापन वक्तव्य, प्रस्तावना या पूरा घोषणापत्र एकीकृत रूप में चाहते हों, तो कृपया बताएं — मैं उसे पुस्तक या दस्तावेज़ प्रारूप में संयोजित कर सकता हूँ।
155. ‘अमृत निर्मल योजना’ के अंतर्गत नदियों एवं जल स्रोतों की शुद्धता सुनिश्चित की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा जल संसाधनों के संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘अमृत निर्मल योजना’ प्रारंभ की जाएगी, जिसके अंतर्गत राज्य की प्रमुख नदियों, तालाबों, जलाशयों एवं अन्य जल स्रोतों की वैज्ञानिक एवं चरणबद्ध ढंग से शुद्धिकरण एवं पुनरोद्धार किया जाएगा।इस योजना में जैविक उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज शोधन, जनसहभागिता एवं नियमित जल गुणवत्ता परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य राज्य के जल स्रोतों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाना, जल जनित रोगों की रोकथाम करना, पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना तथा भावी पीढ़ियों हेतु शुद्ध जल संसाधनों का संरक्षण करना है।
156. ‘अमृत संचित योजना’ के अंतर्गत वर्षा जल संचयन की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा जल संकट की चुनौती से निपटने, भूजल स्तर को पुनः भरने एवं कृषि तथा पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु ‘अमृत संचित योजना’ प्रारंभ की जाएगी, जिसके अंतर्गत राज्यभर में वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) की वैज्ञानिक एवं संरचनात्मक व्यवस्था की जाएगी।**इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों, सरकारी भवनों, पंचायत कार्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, खेतों एवं शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल एकत्रीकरण एवं भंडारण की संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा तथा जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से जल बचाओ – जीवन बचाओ संदेश को सशक्त किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य वर्षा जल को संग्रहित कर जल स्रोतों की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना, भूजल स्तर में सुधार लाना, कृषि उपयोग हेतु जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना तथा पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना है।
157. केंद्र स्तर पर 'विभाग पारदर्शिता योजना' के क्रियान्वयन का संकल्प:हमारी सरकार के द्वारा यदि केंद्र में नेतृत्व का अवसर प्राप्त होता है, तो 'विभाग पारदर्शिता योजना' को राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू किया जाएगा।इस योजना के अंतर्गत सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों एवं कार्यालयों में डिजिटल सूचना प्रणाली के माध्यम से आय-व्यय, कार्य प्रगति, कर्मचारियों की उपस्थिति, एवं सेवा वितरण से संबंधित अद्यतन जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी, जिससे देश की जनता को प्रत्येक विभाग के कार्यों की पारदर्शी जानकारी सहज रूप से प्राप्त हो सके।इस योजना का उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक प्रशासनिक प्रणाली को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी एवं जनकेन्द्रित बनाना है, ताकि सुशासन के सिद्धांतों को राष्ट्रीय स्तर पर व्यवहार में लाया जा सके।
158. राज्य के निष्क्रिय कृषि फार्मों को पुनः सक्रिय किया जाएगा:**राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित ऐसे सभी शासकीय कृषि फार्म, जहाँ वर्तमान में खेती अथवा उत्पादन संबंधी गतिविधियाँ बंद हैं, उन्हें पुनः सक्रिय एवं उत्पादक बनाया जाए।इन कृषि फार्मों में भूमि की उपयुक्तता के अनुसार आधुनिक कृषि तकनीकों, जैविक खेती, बीज उत्पादन, प्रशिक्षण केंद्रों एवं मॉडल फार्मिंग की योजनाओं को कार्यान्वित किया जाएगा, जिससे वे अनुसंधान, कृषक प्रशिक्षण एवं बीज वितरण के प्रभावी केंद्र के रूप में कार्य कर सकें।इस पहल का उद्देश्य राज्य की अनुपयोगी कृषि भूमि का पुनः उपयोग करना, कृषि नवाचार को बढ़ावा देना, किसानों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना तथा खाद्यान्न सुरक्षा एवं कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है।
159. बीज उत्पादन केंद्रों की स्थापना की जाएगी:**राज्य सरकार द्वारा किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त, प्रमाणित एवं क्षेत्रीय अनुकूलता वाले बीजों की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु राज्य के विभिन्न कृषि-क्षेत्रीय अंचलों में बीज उत्पादन केंद्रों (Seed Production Centres) की स्थापना की जाएगी।इन केंद्रों में वैज्ञानिक पद्धति से बीज उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, स्थानीय किसानों को बीज उत्पादन में प्रशिक्षित कर उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ने हेतु प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना, कृषि उत्पादन की उत्पादकता में वृद्धि करना, राज्य को बीज आत्मनिर्भर बनाना तथा कृषि अनुसंधान एवं नवाचार को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाना है।
160. तीन नए कृषि अनुसंधान विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी:**राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार, वैज्ञानिक तकनीकों के विकास एवं उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु राज्य के विभिन्न कृषि क्षेत्रों में तीन नवीन कृषि अनुसंधान विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी।इन विश्वविद्यालयों में कृषि विज्ञान, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि व्यवसाय प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, जैविक खेती एवं तकनीकी प्रशिक्षण पर आधारित उच्चस्तरीय पाठ्यक्रम, अनुसंधान परियोजनाएँ एवं फील्ड डेमोंस्ट्रेशन सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाना, किसान हितैषी शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना, कृषि आधारित युवाओं को उच्च शिक्षा एवं नवाचार का अवसर देना तथा बिहार को कृषि अनुसंधान एवं तकनीकी ज्ञान का केंद्र बनाना है।
161. ‘भारत कृषि सिंचाई योजना’ का शुभारंभ – बिहार सहित देशभर के किसानों हेतु:राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किसानों को जल-संरक्षित, टिकाऊ एवं आधुनिक कृषि सिंचाई प्रणाली से सुसज्जित करने के उद्देश्य से ‘भारत कृषि सिंचाई योजना’ प्रारंभ की जाएगी। यह योजना विशेष रूप से बिहार सहित भारत के सभी राज्यों के कृषकों के लिए लागू की जाएगी।इस योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर प्रणाली, माइक्रो सिंचाई, सौर ऊर्जा चालित पंप, खेत तालाब, वर्षा जल संचयन, नहरों एवं जल निकासी के पुनर्जीवन जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। साथ ही, किसानों को अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य सीमित जल संसाधनों का दक्ष उपयोग सुनिश्चित करना, सिंचाई लागत को कम करना, कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, और किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से सुरक्षित रखना है।
162. बिहार में उद्योग स्थापना पर व्यावसायिक कर में विशेष छूट की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा बिहार में औद्योगिक विकास को गति देने, निवेश को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के व्यापक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य में उद्योग या व्यवसाय स्थापित करने पर व्यावसायिक कर (Commercial Tax) में विशेष छूट प्रदान की जाएगी।यह छूट लघु, मध्यम एवं बड़े स्तर के उद्यमों को उनके निवेश की प्रकृति, स्थान एवं रोजगार सृजन की क्षमता के आधार पर नीतिगत संरचना के अनुरूप दी जाएगी। साथ ही, उद्यमियों को आवश्यक अनुमति, पंजीकरण एवं कर संबंधित प्रक्रियाओं में सहजता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य बिहार को उद्योग-अनुकूल राज्य बनाना, आर्थिक विकास को गति देना, राज्य के युवाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को पुनर्स्थापित करना है।
163. ‘मित्र ऊर्जा योजना’ के अंतर्गत सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन एवं कर छूट की व्यवस्था: राज्य सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण एवं टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘मित्र ऊर्जा योजना’ प्रारंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Plants) की स्थापना की जाएगी।साथ ही, घरेलू, व्यावसायिक एवं कृषि उपयोग के लिए सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ताओं को विशेष कर छूट (Subsidy/Tax Rebate) प्रदान की जाएगी। यह छूट पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं एवं अनुमोदित मानकों के अनुसार लागू की जाएगी, जिससे राज्य में हरित ऊर्जा को व्यवहारिक एवं व्यापक रूप से अपनाया जा सके।इस योजना का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करना, बिजली की पारंपरिक निर्भरता को कम करना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंच को सुलभ बनाना तथा पर्यावरणीय सततता के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को सशक्त करना है।
164. किसानों से खरीदे गए अनाज का भुगतान 24 घंटे के भीतर सुनिश्चित किया जाएगा:**राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों की रक्षा, कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री एवं विपणन प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी एजेंसियों अथवा प्राधिकृत संस्थाओं द्वारा किसानों से खरीदे गए धान, गेहूँ, मक्का एवं अन्य अनाज का भुगतान अधिकतम 24 घंटे के भीतर उनके पंजीकृत बैंक खाते में किया जाएगा।इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी एवं ट्रैकिंग-युक्त बनाया जाएगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और किसानों को उनके उत्पाद का समुचित मूल्य समयबद्ध रूप से प्राप्त हो सके।इस नीति का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, कृषि उत्पादों की सरकारी खरीद में विश्वास बढ़ाना, तथा राज्य में कृषि विपणन तंत्र को तेज, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
165. प्रत्येक प्रखंड में अल्ट्रासाउंड सुविधा की स्थापना:**राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रखंड में एक आधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन की स्थापना की जाएगी।इन केंद्रों पर प्रशिक्षित तकनीशियन, आवश्यक चिकित्सकीय स्टाफ एवं रिपोर्टिंग प्रणाली की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जिससे आमजन को सुलभ, सस्ती एवं समयबद्ध निदान सुविधा मिल सके।इस योजना का उद्देश्य प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना, गर्भवती महिलाओं एवं रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना, तथा प्राथमिक स्तर पर रोगों की पहचान को सशक्त बनाना है।
166. ‘बिहार पशुपालन कार्ड’ योजना के अंतर्गत पशुपालकों को प्रोत्साहन अनुदान:राज्य सरकार द्वारा पशुपालन को संगठित, लाभकारी एवं सशक्त बनाने हेतु ‘बिहार पशुपालन कार्ड’ जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से पंजीकृत पशुपालकों को गाय एवं भैंस पालन के लिए प्रति पशु ₹300 प्रति माह की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।यह राशि प्रत्येक पंजीकृत पशुपालक के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से नियमित रूप से भेजी जाएगी। साथ ही, पशुपालन कार्ड के माध्यम से पशुओं का टीकाकरण, बीमा, चिकित्सा, चारा सहायता एवं तकनीकी सेवाएँ भी चरणबद्ध ढंग से उपलब्ध कराई जाएँगी।इस योजना का उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना, पशुपालकों की आय में वृद्धि करना, पारंपरिक पशुधन आधारित आजीविका को संरक्षित करना तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
167. दो उर्वरक उत्पादक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा किसानों को समय पर एवं किफायती दर पर उर्वरक (खाद) उपलब्ध कराने, कृषि लागत को घटाने तथा उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से राज्य में दो उर्वरक उत्पादक औद्योगिक इकाइयों (Fertilizer Manufacturing Units) की स्थापना की जाएगी।इन इकाइयों में आधुनिक तकनीक पर आधारित उत्पादन प्रणाली, पर्यावरणीय मानकों का अनुपालन, और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, इन उद्योगों से संबंधित क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।इस योजना का उद्देश्य राज्य की कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति करना, उर्वरक आपूर्ति पर बाहरी निर्भरता को कम करना, किसानों की उत्पादन लागत को नियंत्रित करना, एवं औद्योगिक विकास को गति देना है।
168. निर्यातोन्मुख चयनित उत्पादों पर कर में रियायत की व्यवस्था की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा राज्य के लघु, मध्यम एवं पारंपरिक उद्योगों को वैश्विक बाजार से जोड़ने, निर्यात को बढ़ावा देने एवं प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को सशक्त करने के उद्देश्य से चयनित निर्यातोन्मुख उत्पादों (Export-Oriented Products) पर कर में विशेष रियायत/छूट प्रदान की जाएगी।यह छूट ऐसे उत्पादों को दी जाएगी जो राज्य के विशिष्ट उद्योग, हस्तशिल्प, कृषि-आधारित वस्तुएँ अथवा MSME क्षेत्र से संबंधित हैं और जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग है। संबंधित निर्यातकों को पंजीकरण एवं पात्रता के आधार पर इस छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा।इस नीति का उद्देश्य राज्य के निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहित करना, स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाना, व्यापार संतुलन को सुदृढ़ करना तथा उद्यमियों एवं शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।________________________________________
169. पेट्रोल पंप एवं गैस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पंपों एवं गैस आपूर्ति क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के श्रम, सेवाभाव एवं कार्यदक्षता का सम्मान करते हुए उनके वेतनमान में यथोचित वृद्धि की जाएगी।यह वेतन वृद्धि कार्य की प्रकृति, जोखिम स्तर, घंटों की संख्या एवं श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रम विभाग के परामर्श तथा न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुरूप की जाएगी। इसके साथ ही, इन कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य बीमा, प्रशिक्षण एवं सेवा शर्तों में स्थायित्व भी सुनिश्चित किया जाएगा।इस निर्णय का उद्देश्य सेवा क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना, कार्यस्थल की गरिमा बनाए रखना तथा श्रम के प्रति सम्मान एवं न्यायपूर्ण पारिश्रमिक सुनिश्चित करना है।
170. निवेश प्रोत्साहन एवं रोजगार सृजन हेतु कॉर्पोरेट कर में विशेष रियायत की व्यवस्था:राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने, उत्पादन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चयनित क्षेत्रों एवं श्रेणियों के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax) में विशेष रियायत/छूट प्रदान की जाएगी।यह कर छूट विशेष रूप से ऐसी कंपनियों के लिए लागू होगी जो राज्य में नवीन निवेश करती हैं, कौशल आधारित रोजगार सृजित करती हैं, तथा पर्यावरणीय, सामाजिक एवं श्रमिक मानकों का पालन सुनिश्चित करती हैं। रियायत की मात्रा, अवधि एवं शर्तें नीति के अनुरूप अधिसूचित की जाएँगी।इस नीति का उद्देश्य राज्य को निवेश-अनुकूल गंतव्य बनाना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से गतिशील एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
171. राज्य से बाहर की औद्योगिक इकाइयों को बिहार में निवेश पर व्यावसायिक कर में विशेष रियायत:**राज्य सरकार द्वारा बिहार में औद्योगिक विकास को सुदृढ़ करने, उत्पादन क्षमता का विस्तार करने एवं निवेश वातावरण को अनुकूल बनाने हेतु राज्य से बाहर की कंपनियों को बिहार में उद्योग स्थापित करने पर व्यावसायिक कर (Commercial Tax) में विशेष छूट प्रदान की जाएगी।यह रियायत उत्पादन, सेवा, निर्माण, कृषि-आधारित तथा तकनीकी क्षेत्रों से संबंधित औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध कराई जाएगी, जो बिहार में स्थायी निवेश, स्थानीय रोजगार सृजन, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व एवं सामाजिक दायित्वों का पालन सुनिश्चित करती हों।इस कर छूट की नीति स्पष्ट मानदंडों, निवेश की न्यूनतम सीमा, और लाभ की अवधि के अनुरूप अधिसूचित की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य बिहार को निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में विकसित करना, अंतरराज्यीय औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देना, युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना है।
172. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं को साहित्यिक लेखन हेतु प्रोत्साहन अनुदान:राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंध रखने वाले प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं एवं नवलेखकों को साहित्यिक लेखन, अनुसंधान तथा बौद्धिक सृजन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक विशेष योजना प्रारंभ की जाएगी।**इस योजना के अंतर्गत यदि कोई पात्र लेखक स्वविकसित मौलिक पुस्तक या पांडुलिपि प्रस्तुत करता है, जिसे विभाग द्वारा स्वीकार किया जाता है और जिसका कॉपीराइट लेखक के नाम से विधिवत रूप से प्राप्त किया गया हो, तो ऐसे लेखकों को ₹1 लाख से ₹3 लाख तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।यह सहायता राशि विषयवस्तु की गुणवत्ता, सामाजिक उपयोगिता, शोधात्मकता एवं रचनात्मक मूल्यांकन के आधार पर दी जाएगी।इस योजना का उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों में लेखन एवं बौद्धिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना, सामाजिक न्याय आधारित साहित्य को बढ़ावा देना, तथा युवा लेखकों को आर्थिक एवं नैतिक समर्थन प्रदान कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
173. अग्निवीर योजना की समाप्ति एवं सेना में नियमित स्थायी भर्ती प्रक्रिया की पुनर्बहाली:राज्य सरकार का यह मानना है कि राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था, युवाओं के भविष्य की स्थिरता, एवं सैन्य सेवाओं की गरिमा के हित में ‘अग्निवीर योजना’ को समाप्त किया जाना आवश्यक है।इस योजना के स्थान पर भारतीय सशस्त्र सेनाओं में पूर्व प्रचलित नियमित एवं स्थायी भर्ती प्रणाली को पुनः पूर्ववत बहाल किया जाएगा, जिससे युवाओं को दीर्घकालिक सैन्य सेवा का अवसर प्राप्त हो, उन्हें पूर्ण वेतन, पेंशन, सम्मान एवं भविष्य की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।इस निर्णय का उद्देश्य देश की सैन्य संरचना को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ करना, युवाओं को सुरक्षित एवं स्थायी सैन्य करियर उपलब्ध कराना, तथा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं युवाशक्ति के बीच विश्वास और उत्तरदायित्व का संतुलन बनाए रखना है।
174. कॉपीराइट प्राप्ति प्रक्रिया का सरलीकरण एवं त्वरिकरण:राज्य सरकार द्वारा रचनात्मक कार्यों को संरक्षण देने, नवलेखकों, कलाकारों एवं नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों (Intellectual Property Rights) की सुलभता बढ़ाने के उद्देश्य से कॉपीराइट प्राप्ति की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी एवं त्वरित बनाया जाएगा।वर्तमान में जहाँ कॉपीराइट प्रमाणन में औसतन 3 से 8 माह का समय व्यतीत होता है, उसे घटाकर न्यूनतम संभावित अवधि में पूरा करने हेतु आवश्यक तकनीकी एवं कानूनी सुधार किए जाएंगे।साथ ही, कॉपीराइट आवेदन शुल्क को यथासंभव न्यूनतम कर युवाओं, विद्यार्थियों एवं स्वतंत्र रचनाकारों को सशक्त बनाया जाएगा। ई-गवर्नेंस आधारित ऑनलाइन आवेदन, ट्रैकिंग एवं प्रमाणन प्रणाली विकसित की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य रचनात्मकता एवं नवाचार को संरक्षित करना, बौद्धिक संपदा के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना, तथा लेखन, कला, संगीत, सॉफ्टवेयर एवं अन्य सृजनात्मक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को कानूनी संरक्षण एवं सम्मानजनक पहचान दिलाना है।
175. भारतीय रेल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायीकरण का दर्जा प्रदान किया जाएगा:भारतीय रेल में वर्षों से कार्यरत अस्थायी, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उनके श्रम, अनुभव एवं सेवा की निरंतरता को सम्मान देते हुए स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाएगा।यह निर्णय कर्मचारियों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, सेवा शर्तों में समानता लाने तथा कार्यस्थल पर सम्मानजनक वातावरण स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा।स्थायीकरण की प्रक्रिया सेवा काल, पात्रता मापदंड, कार्य प्रदर्शन एवं विभागीय मूल्यांकन के आधार पर पारदर्शी एवं चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें पेंशन, चिकित्सा, अवकाश, प्रोन्नति एवं अन्य सभी स्थायी कर्मचारी लाभ भी प्रदान किए जाएंगे।इस नीति का उद्देश्य अस्थायी श्रमिकों को संस्थागत सम्मान दिलाना, उनके अधिकारों की रक्षा करना, तथा रेलवे जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में सेवा निरंतरता एवं उत्तरदायित्व की भावना को सुदृढ़ करना है।
176. राज्य के सभी नियोजित कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाएगा:राज्य सरकार द्वारा बिहार के विभिन्न विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वायत्त निकायों एवं योजनाओं में कार्यरत सभी नियोजित कर्मचारियों (Contractual/Guest/NIYOJIT) को उनके वित्तीय, सामाजिक एवं सेवा-संबंधी अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाएगा।यह निर्णय सेवा की निरंतरता, कार्य दक्षता, नैतिक मनोबल और कर्मचारी कल्याण के दृष्टिकोण से लिया जाएगा, जिससे वे राज्य की विकास प्रक्रिया में दीर्घकालिक और सुरक्षित भागीदारी निभा सकें।स्थायीकरण की प्रक्रिया सेवा अवधि, शैक्षणिक योग्यता, विभागीय आवश्यकता एवं पारदर्शी मूल्यांकन व्यवस्था के आधार पर क्रमबद्ध रूप से लागू की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य नियोजित कर्मचारियों को असुरक्षा की स्थिति से मुक्त कर उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना, उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा एवं आर्थिक स्थायित्व प्रदान करना, तथा शासन व्यवस्था में स्थायित्व एवं सेवा निष्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
177. सभी सरकारी अस्पतालों में समस्त चिकित्सीय जाँच निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी:**राज्य सरकार द्वारा आमजन के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है कि **राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों में उपलब्ध समस्त प्रकार की चिकित्सीय जाँच सेवाएँ (जैसे– रक्त परीक्षण, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, एमआरआई, सीटी स्कैन आदि) पूरी तरह निःशुल्क प्रदान की जाएँगी।यह सुविधा सभी वर्गों के नागरिकों के लिए बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होगी तथा इससे स्वास्थ्य सेवाओं में आर्थिक बाधाओं को समाप्त कर समय पर उपचार को सुनिश्चित किया जा सकेगा।इस नीति का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को समान स्वास्थ्य अधिकार प्रदान करना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देना, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को व्यापक बनाना तथा राज्य में रोगों की समय पर पहचान और उपचार को सुनिश्चित करना है।
178. शिक्षा व्यवस्था में समयबद्धता एवं पारदर्शिता हेतु शैक्षणिक कैलेंडर की अनिवार्य रूप से स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक की शैक्षणिक प्रणाली को समयबद्ध, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से सभी शैक्षणिक संस्थानों में ‘शैक्षणिक कैलेंडर’ (Academic Calendar) लागू किया जाएगा।यह कैलेंडर प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ में जारी किया जाएगा, जिसमें प्रवेश प्रक्रिया, वर्ग संचालन, परीक्षा कार्यक्रम, अवकाश तालिका, मूल्यांकन एवं परिणाम प्रकाशन की तिथियाँ पूर्वनिर्धारित एवं सार्वजनिक रूप से अधिसूचित होंगी।शैक्षणिक कैलेंडर का पालन सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य होगा और इसके कार्यान्वयन की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को निश्चितता प्रदान करना, प्रशासनिक कार्यों को नियमित एवं व्यवस्थित बनाना, शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाना, तथा परीक्षा एवं परिणाम प्रणाली को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाना है।
179. नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण हेतु सेवा कैलेंडर की अनिवार्य स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं सुगठित व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी विभागों, निदेशालयों एवं अधीनस्थ कार्यालयों में 'सेवा कैलेंडर' (Service Calendar) लागू किया जाएगा।इस सेवा कैलेंडर में सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, सेवांत लाभ, प्रशिक्षण, कार्य मूल्यांकन एवं सेवा सत्यापन से संबंधित समस्त गतिविधियों की पूर्व निर्धारित तिथियाँ एवं चरणबद्ध प्रक्रिया स्पष्ट रूप से अंकित की जाएगी।सेवा कैलेंडर का पालन संबंधित विभागों के लिए अनिवार्य एवं बाध्यकारी होगा तथा इसकी अनुपालन स्थिति की वार्षिक समीक्षा की जाएगी।इस नीति का उद्देश्य सरकारी सेवा प्रणाली को व्यवस्थित बनाना, कर्मचारियों को भविष्य की योजना एवं अधिकारों के प्रति आश्वस्त करना, मनमानी एवं भ्रष्टाचार पर रोक लगाना, तथा दक्ष एवं पारदर्शी प्रशासन को सुनिश्चित करना है।
180. सरकारी सेवाओं में नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण की प्रक्रिया हेतु 'सेवा कैलेंडर' की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, समयबद्ध एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से सभी विभागों में ‘सेवा कैलेंडर’ (Service Calendar) लागू किया जाएगा।यह कैलेंडर सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, प्रशिक्षण, कार्य मूल्यांकन तथा सेवा संबद्ध अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर निष्पादित करने हेतु मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करेगा।सेवा कैलेंडर की अनुपालना अनिवार्य रूप से की जाएगी, तथा इससे संबंधित कार्यों में विलंब, पक्षपात अथवा अनियमितता पर प्रशासनिक उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित किया जाएगा।इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवा-सुरक्षा एवं भविष्य की स्पष्टता प्रदान करना, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को नियमित एवं पारदर्शी बनाना, तथा कार्य कुशलता एवं कर्मचारियों के मनोबल को सुदृढ़ करना है।
181. युवाओं के लिए नियमित भर्ती प्रक्रिया हेतु कार्य एवं भर्ती कैलेंडर की स्थापना:राज्य सरकार द्वारा युवाओं को समयबद्ध, पारदर्शी एवं सुनिश्चित रोजगार अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी विभागों एवं नियुक्ति आयोगों में नियमित 'कार्य एवं भर्ती कैलेंडर' (Recruitment & Operational Calendar) लागू किया जाएगा।इस कैलेंडर में विज्ञापन प्रकाशन, आवेदन की अंतिम तिथि, परीक्षा आयोजन, मूल्यांकन, परिणाम घोषणा, एवं नियुक्ति आदेश निर्गत करने की तिथियाँ पूर्व निर्धारित होंगी, जिससे सभी चयन प्रक्रियाएँ निश्चित समय-सीमा में निष्पादित हो सकें।यह प्रणाली बेरोजगार युवाओं के लिए विश्वास, पारदर्शिता एवं नियोजित तैयारी का वातावरण निर्मित करेगी।इस नीति का उद्देश्य नियुक्तियों में अनावश्यक विलंब एवं अनिश्चितता को समाप्त करना, भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाना, तथा युवाओं को रोजगार की दिशा में स्पष्ट, भरोसेमंद एवं नियमित अवसर प्रदान करना है।
182. दलित एवं महादलित परिवारों को भूमि स्वामित्व का अधिकार और वास पर्चा वितरण:**राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास की प्रतिबद्धता के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकार के गठन के 90 दिनों के भीतर सभी पात्र दलित एवं महादलित परिवारों को आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाए।साथ ही, वे सभी परिवार जो वर्षों से किसी भूखंड पर निवासरत हैं, परंतु जिनके पास वैध स्वामित्व दस्तावेज़ (मालिकाना हक) उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें 30 दिनों के भीतर 'वास अधिकार पर्चा' (Residential Ownership Certificate) प्रदान किया जाएगा।यह प्रक्रिया राजस्व विभाग, भू-अर्जन इकाइयों एवं स्थानीय प्रशासन की समन्वित निगरानी में पारदर्शी, अभियानात्मक एवं समयबद्ध रूप से संपन्न की जाएगी।इस योजना का उद्देश्य वंचित समुदायों को भूमि अधिकार प्रदान कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा, गरिमा एवं स्थायित्व देना है, साथ ही वर्षों से उपेक्षित परिवारों को वैधानिक स्वामित्व देकर पुनर्वास एवं आजीविका की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
183. ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों का संरक्षण एवं पर्यटन स्थलों का समग्र विकास:राज्य सरकार द्वारा बिहार की समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों के संरक्षण, संवर्द्धन तथा पर्यटन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्थापित करने हेतु राज्य के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों का निर्माण, सौंदर्यीकरण एवं समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।इस योजना के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण स्थलों पर आधुनिक आधारभूत संरचना, आगंतुक सुविधा केंद्र, डिजिटल सूचना प्रणाली, स्वच्छता, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, पारंपरिक कला के प्रदर्शन केंद्र तथा पर्यावरण-अनुकूल प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी।स्थानीय रोजगार एवं शिल्प को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ, पर्यटन को आर्थिक सशक्तिकरण एवं सांस्कृतिक पहचान से जोड़ने का कार्य भी किया जाएगा।इस नीति का उद्देश्य बिहार की गौरवशाली विरासत को संरक्षित रखते हुए उसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करना, राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाना, स्थानीय समुदाय को लाभान्वित करना एवं सांस्कृतिक गर्व की भावना को सुदृढ़ करना है।
184. भारत–नेपाल संबंधों को सुदृढ़ करने हेतु विशेष नीति एवं 'रिलेशनशिप कार्ड' की योजना:**भारत और नेपाल के मध्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं पारिवारिक संबंधों की परंपरा को सम्मानित करते हुए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नेपाल के साथ वाणिज्यिक, मानवीय एवं सांस्कृतिक सहयोग को और अधिक सुदृढ़ किया जाए।इस उद्देश्य से, नेपाल से होने वाले निर्यात पर विशेष कर रियायतें एवं व्यापारिक छूट प्रदान की जाएगी, जिससे दोतरफा आर्थिक सहयोग को गति मिलेगी।साथ ही, नेपाल के नागरिकों हेतु एक विशेष 'रिलेशनशिप कार्ड' (Relationship Card) जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से वे भारत में आने, रहने, आवागमन करने, रोजगार/व्यवसाय करने तथा विभिन्न शासकीय सुविधाओं का विशेषाधिकार आधारित लाभ प्राप्त कर सकेंगे।भविष्य में यह 'रिलेशनशिप कार्ड' नीति अन्य मैत्रीपूर्ण देशों के लिए भी क्रमबद्ध रूप से लागू की जाएगी, ताकि भारत की कूटनीतिक मित्रता, सांस्कृतिक सामंजस्य एवं व्यापारिक संबंध वैश्विक स्तर पर और अधिक सशक्त हो सकें।इस नीति का उद्देश्य भारत-नेपाल के पारंपरिक संबंधों को संस्थागत रूप देना, सीमावर्ती सामाजिक सहयोग को संरचित करना, व्यापार एवं आवागमन को सहज बनाना, तथा दोनों देशों की जनता के बीच सशक्त भाईचारा, विश्वास और परस्पर लाभ का वातावरण सृजित करना है।
185. शिशु के जन्म से 12 माह तक माताओं को पोषण एवं देखभाल हेतु मासिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा नवजात शिशुओं के समुचित पोषण, स्वास्थ्य देखभाल तथा माताओं को प्रारंभिक शिशु पालन में सहयोग प्रदान करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि 0 से 12 माह आयु वर्ग के बच्चों की माताओं को ₹500 प्रति माह की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी।यह सहायता राशि विशेष रूप से सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों एवं आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की माताओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से दी जाएगी, ताकि शिशु के प्रथम वर्ष में पोषण, टीकाकरण, देखभाल एवं मातृत्व सुविधा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।इस योजना का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, मातृत्व स्वास्थ्य को सशक्त बनाना, तथा प्रारंभिक बाल्यावस्था में समुचित पोषण एवं देखभाल को प्रोत्साहित करना है, जिससे एक स्वस्थ, सशक्त और समावेशी समाज का निर्माण संभव हो सके।यदि आप इसे मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रम के अंतर्गत समाहित करना चाहें या समापन अनुच्छेद सहित पूरा घोषणापत्र संकलित करवाना चाहें, तो कृपया निर्देश दें।
186. 0 से 18 माह तक के शिशु की माताओं को मासिक पोषण सहायता राशि प्रदान की जाएगी:राज्य सरकार द्वारा मातृत्व सुरक्षा, शिशु पोषण एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल को प्रोत्साहित करने हेतु यह व्यवस्था की जाएगी कि 0 से 18 माह की आयु तक के शिशुओं की माताओं को ₹500 प्रति माह की पोषण सहायता राशि प्रदान की जाए।यह सहायता राशि विशेष रूप से प्राथमिक वर्गों की महिलाओं को उनके बैंक खातों के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के तहत दी जाएगी, जिससे नवजात शिशुओं के पोषण, टीकाकरण एवं देखभाल की व्यवस्था को मजबूती मिले।इस योजना का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर पोषण एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करना, तथा एक स्वस्थ, सशक्त एवं सुरक्षित बाल्य जीवन की नींव तैयार करना है।
187.🔬 छात्र प्रायोगिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लघु प्रयोगशालाओं की स्थापनाराज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की वैज्ञानिक जिज्ञासा और प्रयोगात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु लघु विज्ञान प्रयोगशालाओं (Mini Science Labs) की स्थापना की जाएगी।
इन प्रयोगशालाओं में निम्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी:
•भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान के प्राथमिक प्रयोगात्मक उपकरण
•सुरक्षित व बाल-अनुकूल प्रयोग सामग्री व संसाधन
•शिक्षक प्रशिक्षण हेतु उपकरण संचालन निर्देश पुस्तिका
188. शोध एवं नवाचार को बढ़ावा
•प्रत्येक विश्वविद्यालय में रिसर्च इनोवेशन फंड।
•ग्रामीण नवाचारों को पेटेंट कराने व प्रोत्साहन हेतु 'लोकज्ञान प्रकोष्ठ'।
189.🛠️ लघु शैक्षणिक उपकरण विभाग की स्थापना
प्रत्येक जिले में "लघु शैक्षणिक उपकरण विभाग" (Mini Educational Equipment Cell) स्थापित किया जाएगा, जिसका कार्य होगा:
•सभी विद्यालयों को समय पर उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना
•खराब उपकरणों की मरम्मत व प्रतिस्थापन
•विद्यालयों के अनुरूप विशेष प्रायोगिक किट्स का निर्माण
•स्थानीय स्तर पर बाल वैज्ञानिक नवाचारों को समर्थन देन
•विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा को प्रयोगात्मक एवं रोचक बनाना
•ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में भी समान शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराना
•विद्यार्थियों में सृजनात्मकता, नवाचार और अवलोकन कौशल विकसित करना
190. प्रवासी बिहारी पुनर्वास नीति एवं प्रवासी बिहारियों के लिए 'बिहारी प्रवासी मंच' की स्थापना एवं सम्मान योजना:राज्य सरकार द्वारा देश-विदेश में कार्यरत प्रवासी बिहारियों के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक योगदान को संस्थागत रूप से मान्यता देने तथा उनके अनुभव व निवेश को राज्य के विकास में सहभागी बनाने के उद्देश्य से एक 'बिहारी प्रवासी मंच' की स्थापना की जाएगी।यह मंच प्रवासी बिहारियों को राज्य की विभिन्न स्थानीय विकास योजनाओं, निवेश परियोजनाओं, उद्यमिता प्रोत्साहन कार्यक्रमों एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु एक संगठित एवं संवादपरक मंच के रूप में कार्य करेगा।साथ ही, ऐसे प्रवासी बिहारियों को जिन्होंने राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ाई हो अथवा सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया हो, उन्हें 'प्रवासी सम्मान पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष विशेष समारोह में राज्य स्तर पर प्रदान किया जाएगा।
उद्देश्य:
इस पहल का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बिहार की प्रतिष्ठा को सुदृढ़ करना, प्रवासी बिहारियों को नीति-निर्माण एवं विकास प्रक्रिया से जोड़ना, तथा उनके अनुभव, संसाधन और प्रतिबद्धता को राज्य की प्रगति में सक्रिय रूप से समाहित करना है।
•प्रवासी बिहारियों के लिए 'बिहारी प्रवासी मंच' की स्थापना।
•उनके अनुभव व निवेश से स्थानीय विकास योजनाओं में भागीदारी।
•विशेष अवसर पर 'प्रवासी सम्मान पुरस्कार' का प्रावधान।
191. व्यापक जल प्रबंधन नीति
· 1.बाढ़, सुखाड़ और भूजल संकट की त्रासदी को देखते हुए राज्य स्तरीय 'जल नीति' बनाना।
2.सभी ज़िलों में जल पुनर्भरण केंद्र और स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम विकसित करना।
192. महिला एवं पुरुष सशक्तिकरण एवं सुरक्षा
•प्रत्येक प्रखंड में महिला एवं पुरुष हेल्पलाइन व काउंसलिंग सेंटर।•स्कूलों-कॉलेजों में महिला एवं पुरुष सुरक्षा सेल की स्थापना।
193. ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के वेतनमान में यथोचित वृद्धि की जाएगी:
राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ग्रामीण डाक सेवकों (Gramin Dak Sevaks) की सेवाओं एवं योगदान को उचित सम्मान देते हुए, उनके वर्तमान वेतनमान की व्यापक समीक्षा की जाए तथा उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से सशक्त बनाने हेतु वेतन में यथोचित वृद्धि की जाए।इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण डाक सेवकों को न्यूनतम मासिक वेतनवृद्धि, स्वास्थ्य बीमा एवं अन्य सेवा लाभ प्रदान किए जाने की दिशा में आवश्यक नीतिगत पहल की जाएगी।
194.भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का पुनरुद्धार एवं सुदृढ़ीकरण:
राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण दूरसंचार इकाई को पुनः सक्रिय, तकनीकी रूप से सशक्त और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए।इस उद्देश्य से BSNL के सेवा नेटवर्क का विस्तार, तकनीकी आधुनिकीकरण, 4G/5G सुविधाओं का कार्यान्वयन, तथा वित्तीय और नीतिगत सहयोग प्रदान कर उसे पुनर्जीवित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुलभ, सुरक्षित और किफायती संचार सेवाएँ उपलब्ध कराई जाए जिससे 10 से 15,000 पदों तक की भर्ती प्रक्रिया सुव्यवस्थित रूप से संपन्न की जा सकें।
195. भारत – नेपाल कृषि मैत्री योजना
नेपाल के कृषकों को न्यूनतम कर दर पर उर्वरक एवं बीज उपलब्ध कराए जाएंगे:भारत और नेपाल के ऐतिहासिक सहयोग एवं पारस्परिक संबंधों को सुदृढ़ करते हुए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े कृषकों को उर्वरक (खाद) एवं बीज न्यूनतम कर दर पर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि दोनों देशों के बीच कृषि सहयोग, व्यापार और पारस्परिक हितों को बढ़ावा मिल सके।इस नीति का उद्देश्य सीमावर्ती किसानों के लिए संसाधन सुलभ कराना, अंतरराष्ट्रीय कृषि सहयोग को सशक्त करना तथा भारत–नेपाल मैत्री संबंधों को आर्थिक एवं व्यावहारिक धरातल पर और मजबूत करना है। जब हम केंद्र में आयेंगे तो अन्य मित्र देशों के किसान के लिए लागू करेंगे।
196.जब हमारी सरकार केंद्र में आएगी तो बीएड, डीएलएड जैसे महंगे पात्रता परीक्षाओं वाले शिक्षा को हटाने पर या फ्री करने पर हमारी सरकार विचार करेगी ?
197.प्रत्येक सी.एस.पी. (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) संचालक को प्रति माह ₹10,000/- (दस हज़ार रुपये मात्र) मानदेय प्रदान किया जाएगा।"
198."प्रत्येक सी.एस.पी. (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) संचालक को ₹20,00,000/- (बीस लाख रुपये मात्र) की जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान की जाएगी।"